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17 अक्तूबर 2008

कमजोर मांग,अच्छे स्टॉक से हल्दी में गिरावट का रुख

हल्दी में खपत केंद्रों की मांग इन दिनों काफी कमजोर बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक अच्छा होने के साथ ही आने वाली नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से इसके भावों में मंदे का रुख बना हुआ है। बुधवार को स्टॉकिस्टों की बिकवाली से इरोड व निजामाबाद मंडी में हल्दी के भावों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि हल्दी के भाव इन दिनों पिछले साल के मुकाबले करीब 1000 रुपये क्विंटल ऊपर हैं।निजामाबाद मंडी के व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उत्पादक मंडियों में हल्दी का 13 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है। नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में 15 जनवरी से शुरू हो जाएगी। जनवरी तक करीब छह लाख बोरी की खपत हो जाएगी। अत: नई फसल के समय हल्दी का सात लाख बोरी बकाया स्टॉक बचने की उम्मीद है।उन्होंने बताया कि अभी तक उत्पादक राज्यों में मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है जिससे उम्मीद है कि उत्पादन गत वर्ष के 42 लाख बोरी के मुकाबले बढ़कर 43 से 44 लाख बोरी होने के आसार हैं। इन हालातों में नई फसल के समय हल्दी की कुल उपलब्धता 50 से 51 लाख बोरी की होगी। इसके परिणामस्वरूप नई फसल तक हल्दी के मौजूदा भावों में तेजी के आसार नहीं है। मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक हल्दी का निर्यात 24,500 टन का हुआ है जो कि गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा है।इरोड़ मंडी में बुधवार को गट्ठा क्वालिटी के भाव घटकर 3900 रुपये व फली के भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बीते वर्ष की समान अवधि में यहां गठ्ठा के भाव 2900 रुपये व फली के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे थे। निजामाबाद मंडी में भी बुधवार को हल्दी के भावों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 3550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (Bushiness Bhaskar...........R S Rana)

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