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20 अक्तूबर 2008

उत्तर और मध्य भारत में कपास की आवक

उत्तर और मध्य भारत की मंडियों में कपास की आवक पिछले सप्ताह से बढ़ गई हैं। जिसका असर कपास की कीमतों में गिरावट के रुप में देखा जा रहा है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले एमएसपी ज्यादा होने की वजह से मध्यप्रदेश की जीनिंग मिलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कारोबारियों के मुताबकि पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में कपास की आवक में इजाफा हुआ है। वहीं कॉटन कापरेरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीददारी भी कम होने से कीमतों में नरमी जारी है। जानकारों के अनुसार वैव्श्रिक बाजारों में भी भाव कम होने की वजह से निर्यात मांग में कमी आई है। जिसका असर कारोबार पर देखा जा रहा है। उत्तर भारत कॉटन ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि शनिवार को उत्तर प्रदेश के पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में कपास की आवक बढ़कर 21,800 (एक गांठ में 170 किलो) की हुई जबकि पंजाब व हरियाणा में सीसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मात्र 7,000 गांठों की खरीद ही की। मिलों की खरीद भी कमजोर होने से भावों में 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी देखी गई। उन्होंने बताया कि पंजाब की मंडियों में शनिवार को कपास की आवक करीब 12,500 गांठों की हुई तथा सीसीआई ने 5000 गांठों की खरीद 2800 रुपये प्रति क्विंटल तथा मिलों ने 2650 से 2750 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीद की। शनिवार को किसानों ने भटिंडा के सीसीआई ऑफिस के बाहर धरना दिया। किसानों ने मंडियों में आने वाले सभी माल को खरीदे जाने की मांग किया है। साथ ही उन्होंने गुजरात के बराबर 3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किए जाने की मांग की है। इस दौरान हरियाणा की मंडियों में शनिवार को कपास की आवक बढ़कर 6500 गांठों की हुई तथा सीसीआई ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 2000 गांठों की खरीद की। हरियाणा के मुकाबले पंजाब में सीसीआई कपास किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा दाम दे रही है। लिहाजा हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद व डब्बवाली के किसान पंजाब में ही कपास बेच रहे हैं। उधर राजस्थान की मंडियों में शनिवार को 2800 गांठ कपास की हुई। इस दौरान मध्यप्रदेश में भी मंडियों में कपास की आवक बढ़ी है। जबकि खरीद कम हो रही है। काटन ब्रोकर्स राकेश सेठी (इंदौर) ने बताया जीनिंग मिलों की भी मांग कम होने से कपास के भाव घटकर 23000-23500 रुपए कैंडी (एक कैंडी में 356 किलो) है। सीसीआई ने कुछ केंद्रों पर खरीदी की है। इसके बावजूद भाव गिरते जा रहे हैं। चालू सीजन में देश में करीब 3.22 करोड़ गांठ कॉटन का उत्पादन होने की उम्मीद है। जो पिछले साल के 3.15 करोड़ गांठ से ज्यादा है। वहीं पिछले सीजन के दौरान करीब एक करोड़ गांठ कपास का निर्यात हुआ था। जबकि इस साल करीब 75 लाख गांठ का निर्यात होने की उम्मीद है। (Business Bhaskar...............R S Rana)

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