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05 अक्तूबर 2008

चाय के भाव 10 फीसदी बढ़े

केन्या और अन्य चाय उत्पादक देशों में उत्पादन में आई कमी से भारतीय चाय की निर्यात मांग काफी बढ़ गई है। इसका असर घरलू बाजार में चाय की कीमतों पर देखा जा रहा है। निर्यातकों की जोरदार मांग निकलने से चाय की कीमतों में एक माह के दौरान 10 फीसदी तक की तेजी आई है। वहीं दूसरी ओर उत्पादक निर्यात मांग को देखते हुए सीटीसी चाय की जगह ऑथरेडोक्स (पत्ती वाली) चाय, जिसकी निर्यात मांग अधिक रहती है, का उत्पादन अधिक कर रहे हैं। देश में ज्यादा पसंद की जाने वाली सीटीसी चाय की कमी होने की संभावना है। चाय कारोबार करने वाले राकेश तायल ने बिÊानेस भास्कर को बताया कि केन्या में चाय का उत्पादन कम होने से देश से चाय का निर्यात मांग बढ़ रहा है। जिससे घरेलू बाजार में चाय के भाव में पिछले एक माह में ही 10 फीसदी की तेजी आई है। इस दौरान असम चाय 125 रुपये से बढ़कर 140 रुपये, दक्षिण भारतीय चाय 75-90 रुपये से बढ़कर 100 रुपये और सिलीगुड़ी चाय 85 से 120 रुपये से बढ़कर 130 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। तायल बताते हैं कि चाय की कीमतें बढ़ने की वजह उत्पादकों द्वारा सीटीसी चाय की जगह ऑथरेडोक्स (पत्ती वाली) चाय का उत्पादन अधिक किया जाता रहा है। जबकि देश में सीटीसी की खपत अधिक रहती है और निर्यात में ऑथरेडोक्स की मांग रहती है। कारोबारी अनिल जैन ने बताया कि सर्दियों में चाय की खपत बढ़ने पर इसकी कीमतें और बढ़ सकती है। देश में चाय की खपत तो बढ़ रही है लेकिन इस अनुपात में उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। पिछले पांच-छह माह से चाय की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। इस दौरान इसके भाव 40 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। भारतीय टी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2007-08 में चाय का उत्पादन 9452.7 लाख किलो रहने का अनुमान है। जबकि वित्तीय वर्ष 2006-07 में उत्पादन 9730.7 लाख किलो था। बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2007 में जनवरी से जुलाई माह के दौरान 888.62 लाख किलो चाय का निर्यात किया गया था जबकि 2008 में इसी अवधि में 1055.68 लाख किलो चाय का निर्यात होने का अनुमान लगाया जा रहा है। (Business Bhaskar)

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