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09 मार्च 2010

एथनॉल के दाम में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं

नई दिल्ली : ब्राजील में एथनॉल का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्य साओ पाउलो में इसका उत्पादन करने वाली कंपनियों को मिलने वाली कीमत में पिछले पांच हफ्ते में औसतन 16.7 फीसदी की गिरावट आई है। इस बीच यहां सरकार अगले छह महीने के लिए पेट्रोल डोपिंग-रेडी एथनॉल की कीमत 27 रुपए प्रति लीटर तय करने की योजना बना रही है। ब्राजीलियन शुगरकेन इंडस्ट्री (यूएनआईसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, कंपनियों को एथनॉल की कम कीमत का फायदा पेट्रोल पंप के आम ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया गया है। इससे यह खतरा पैदा हो गया है कि कहीं लोग बिना एथनॉल वाले ही पेट्रोल न ज्यादा खरीदने लगें। यूएनआईसीए के मुताबिक, पेट्रोल पंप पर कीमतों में केवल 1 फीसदी की गिरावट आई है। सरकार के चीनी और एथनॉल सेक्टरों को डीरेगुलेट करने के बाद चीनी, एथनॉल और बायो-इलेक्ट्रिसिटी उत्पादकों की अगुवाई करने वाला यह सबसे बड़ा संगठन 1997 में बनाया गया था। भारत में पेट्रोल और एथनॉल की प्राइसिंग से जुड़े मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए यह काफी दिलचस्प है। भारत में 2008-09 और 2009-10 में उत्पादन में गिरावट के बाद चीनी के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई तक पहुंच गए थे। किरीट पारिख समिति की रिपोर्ट में हाल में सब्सिडी कटौती और पेट्रोल के दामों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने का मशविरा दिया गया है। इसके अलावा तेल और चीनी कंपनियों के बीच एथनॉल के दामों को लेकर जारी विवाद भी बीते कुछ सप्ताह के दौरान काफी बढ़ा है। ब्राजील में भारी बारिश की वजह से गन्ने की खराब खेती और उसके बाद एथनॉल के उत्पादन में गिरावट के बावजूद इसकी कीमतों में कमी आई है। भारत में खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार लंबी अवधि के लिए तेल कंपनियों के साथ नए सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट में एथनॉल के लिए कीमतों को बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन रसायन और अल्कोहल उद्योग की तरफ से उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दलील दी जा रही है कि ऊंची कीमतों से चीनी मिल ईबीपी (एथनॉल डोपिंग प्रोग्राम) के लिए पहले तेल कंपनियों को बेचने के लिए प्रोत्साहित होंगी जबकि नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी के मुताबिक ईबीपी जरूरतों को पूरा करने से पहले औद्योगिक/रसायन और पोटेबल अल्कोहल उद्योग की आवश्यकताएं पूरी होनी चाहिए। इसका बड़ा नुकसान यह है कि डोपिंग रेडी अल्कोहल के दामों में बढ़ोतरी से दूसरे सेक्टरों के लिए भी एथनॉल की कीमतें बढ़ जाएंगी। (ई टी हिंदी)

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