नई दिल्ली March 06, 2010
गेहूं की कीमतों में पिछले 15 दिनों में 150 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की गिरावट आई है। गेहूं के वायदा भाव भी लगातार गिर रहे हैं।
कारोबारियों के मुताबिक बंपर फसल एवं पुराने स्टॉक के मद्देनजर अप्रैल माह में गेहूं की अधिकतम थोक कीमत 1150 रुपये से भी नीचे आ जाएगी। शुक्रवार को दिल्ली अनाज मंडी में गेहूं दड़े की थोक कीमत 1260-1270 रुपये प्रति क्विंटल बताई गई जबकि पंद्रह दिन पहले यह कीमत 1400 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थी।
गेहूं दड़े के साथ गेहूं देसी की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इसकी कीमत 1750 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है। गेहूं का वायदा भाव गत जनवरी माह में 1411 रुपये प्रति क्विंटल था जो कि हर माह 50-60 रुपये प्रति क्विंटल टूट रहा है। फरवरी माह के लिए वायदा भाव 1391 रुपये प्रति क्विंटल रहा तो मार्च के लिए 1253 रुपये प्रति क्विंटल है।
अप्रैल के लिए गेहूं की वायदा बोली काफी नरमी के साथ 1151 रुपये प्रति क्विंटल तो मई के लिए 1153 रुपये प्रति क्विंटल लगाई गई है। कारोबारियों का कहना है कि गत अक्टूबर के मध्य से गेहूं की कीमतों में तेजी का रुख शुरू हुआ था और दिसंबर तक गेहूं के दाम में 250 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी हो गई।
इस दौरान गेहूं की कीमत 1450 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन रबी के दौरान गेहूं के रकबे में बढ़ोतरी एवं अनुकूल मौसम को देखते हुए पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार की पूरी संभावना है। कृषि मंत्री शरद पवार ने तो गत गुरुवार को यह भी कह डाला कि गेहूं का निर्यात भी किया जा सकता है।
फिलहाल गेहूं के निर्यात पर पाबंदी है। इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल से 8।06 करोड़ टन से अधिक रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इस वर्ष 31 जनवरी तक सरकारी गोदामों में 2 करोड़ टन से अधिक गेहूं का भंडार मौजूद था। (बीएस हिंदी)
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