19 जून 2009
गेहूं का रिकार्ड स्टॉक लेकिन निर्यात होना काफी मुश्किल
गेहूं की खरीद मौजूदा सीजन में 250 लाख टन तक पहुंचने की संभावना पैदा हो गई है। पिछले साल के बाकी स्टॉक को मिलाकर सरकार के पास 350 लाख टन गेहूं सुलभ होगा लेकिन गेहूं निर्यात के लिए न तो विश्व बाजार उत्साहजनक दिखाई दे रहा है और न ही सरकार निर्यात के लिए बहुत ज्यादा इच्छुक दिखाई दे रही है। उसने हाल में 6.5 लाख टन गेहूं उत्पाद आयात की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। सूत्रों के अनुसार खाद्य मंत्रालय ने 6.5 लाख टन गेहूं उत्पादों के निर्यात को हरी झंडी दे दी है। हालांकि अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि विदेशी बाजार के मुकाबले घरेलू बाजार में गेहूं उत्पादों के ऊंचे भाव चल रहे हैं इसलिए आगामी आठ-दस दिनों में पता चल पाएगा कि मौजूदा भावों में निर्यात हो भी पाएगा या नहीं। हालांकि विदेशी के मुकाबले भारत में मिलिंग लागत कम है, ऐसे में इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार को निर्यात पड़ते लगने की संभावना है। चूंकि इन देशों में गेहूं का उत्पादन नहीं होता है और फ्लोर मिलें भी कम है। दिल्ली बाजार में इस समय मैदा के भाव पर 1300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि गेहूं के भाव 1050 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार में मैदा की ही खपत होती है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबॉट) में गेहूं के भाव 1040 (भारतीय मुद्रा में) चल रहे हैं। एक क्विंटल गेहूं में 50 किलो मैदा निकलती है। मालूम हो कि सरकार ने गेहूं के निर्यात पर फरवरी 2007 से रोक लगा रखी थी। सरकारी गोदामों में पिछले सीजन का करीब 105 लाख टन गेहूं बचा हुआ है। जबकि चालू सीजन में हो चुकी 245 लाख टन की खरीद को मिलाकर अभी तक सरकारी गोदामों में 350 लाख टन का भारी-भरकम स्टॉक हो चुका है। ऐसे में आगामी दिनों में सरकार को स्टॉक हल्का करने के लिए माथापच्चाी करनी पड़ सकती है। उधर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 245.12 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद कर चुकी है। पिछले साल एमएसपी पर कुल खरीद 226.84 लाख टन की हुई थी। चालू खरीद सीजन में 244 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया गया था। चूंकि उत्तर प्रदेश और बिहार में अभी सरकारी खरीद जारी है। इसलिए उम्मीद है कि सरकारी खरीद 250 लाख टन से भी ज्यादा होने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में चालू महीने के आखिर और बिहार में जुलाई के आखिर तक सरकारी खरीद जारी रहेगी। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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