निर्माण और ऑटो सेक्टर में खपत बढ़ने से चीन में अल्यूमीनियम की मांग सुधरने लगी है। औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक ऐसे हालात में कंपनियां उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे सकती हैं। अल्कोआ (चीन) इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड में मैटेरियल्स विभाग के मैनेजर नेनाद पैविक के मुताबिक पिछली तिमाही के दौरान मांग में कमी से ही कंपनियों को उत्पादन में कटौती करनी पड़ी थी। लेकिन अब बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इस साल अप्रैल के दौरान चीन में अल्यूमीनियम के भाव में इजाफे के साथ इसके आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। जानकारों के मुताबिक सरकार द्वारा 586 अरब डॉलर का सहायता पैकेज देने से भी कंपनियों का कारोबार बढ़ा है। पैविक ने बताया कि मौजूदा दरों पर यदि उत्पादन बढ़ता है तो अल्यूमीनियम कंपनियों को बेहतर मुनाफा हो सकेगा। अल्यूमीनियम कारपोरशन ऑफ चायना लिमिटेड के विश्लेषक के मुताबिक अप्रैल के दौरान यहां करीब 14 लाख टन अल्यूमीनियम का उत्पादन हुआ है। वहीं इस दौरान आयात करीब 362,400 टन रहा। माना यह जा रहा है कि आने वाले दिनों में यहा अल्यूमीनियम की मांग में और इजाफा हो सकता है। अप्रैल के दौरान चीन में पैसेंजर कारों की बिक्री में करीब 37 फीसदी का इजाफा हुआ जो पिछले तीन सालों की सबसे ज्यादा मासिक बिक्री है। इस दौरान यहां पर करीब 831,000 पैसेंजर गाड़ियां बिकी। इस दौरान चीन में करीब 20 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के साथ करीब 2.14 लाख सस्ते घरों का निर्माण हुआ है। वहीं 445 किलोमीटर हाइवे और एक लाख वर्गमीटर एयरपोर्ट भवन भी बने हैं। इन सभी निर्माण कायरें से भी चीन में अल्यूमीनियम की मांग सुधरी है। इस दौरान शंघाई में अल्यूमीनियम वायदा करीब 1.8 फीसदी की बढ़त के साथ 13,080 युआन प्रति टन पर पहुंच गया। इस साल यहां सरकार द्वारा राहत पैकेज दिए जाने के बाद से अल्यूमीनियम के भाव में करीब 13 फीसदी का इजाफा हो चुका है। हालांकि इस दौरान एलएमई में इसका भाव करीब चार फीसदी घटा है। (Business Bhaskar)
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