13 जून 2009
मानसून तय करेगा चना के मूल्य की दिशा
मानसून की रफ्तार कमजोर पड़ने और स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से पिछले एक सप्ताह में चने की कीमतों में करीब छह फीसदी की तेजी आ चुकी है। हाजिर बाजार में आई तेजी से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में जून महीने के वायदा भाव भी इस दौरान 3.4 फीसदी बढ़े हैं। चना उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से उत्पादक मंडियों में चने का बंपर स्टॉक मौजूद है लेकिन अन्य दालों के मुकाबले चना दाल के भाव काफी नीचे होने के कारण चने की खपत में इजाफा होने की संभावना है। हालांकि आगामी दिनों में चने की तेजी-मंदी मानसून पर निर्भर करेगी। अगर मानसून लेट होता है या फिर कमजोर पड़ता है तो चने के मौजूदा भावों में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी और आ सकती है।वायदा बाजार में तेजीएनसीडीईएक्स में जून वायदा अनुबंध में चने के भाव छह जून को 2060 रुपये प्रति क्विंटल थे। नीचे भाव में निवेशकों की खरीद बढ़ने से शुक्रवार को इसके भाव बढ़कर 2132 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान इसमें करीब 3.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। जून वायदा में इस समय करीब 79,880 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं।दिल्ली में चने की आवकदिल्ली के चना व्यापारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि दिल्ली बाजार में पिछले एक सप्ताह में चने की कीमतों में 100-125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर मध्य प्रदेश के चने के भाव 2175 रुपये और राजस्थान के चने के भाव 2200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में राजस्थान और मध्य प्रदेश से चने की दैनिक आवक घटकर करीब 25 से 30 मोटरों की रह गई है। मानसून में देरी की खबरों के कारण स्टॉकिस्टों ने बिकवाली घटा दी है। अगर मानसून लेट होता है तो बिकवाली कम आने से चने के मौजूदा भावों में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आ सकती है। इस समय दिल्ली में चने का करीब नौ लाख क्विंटल का स्टॉक हो चुका है।उत्पादक मंडियों में आवक और भावमध्य प्रदेश के चना व्यापारी राजा राम अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश की मंडियों में चने की दैनिक आवक काफी कम रह गई हैं। उत्पादक मंडियों में चालू महीने में चने के भावों में 75 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव 1900 रुपये और इंदौर मंडी में 2100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश चना उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है। इस समय वेयर हाउसों में चने का बंपर स्टॉक भरा हुआ है लेकिन अगर मानसून लेट हुआ तो बिकवाली कमजोर ही रह सकती है। जिससे मौजूदा भावों में और भी तेजी आ सकती है। उन्होंने बताया कि अभी मध्य प्रदेश से चने का करीब 40 फीसदी माल ही निकला है जबकि 60 फीसदी माल अभी वेयर हाउस में रखा हुआ है। मानसूनी वर्षा शुरू होने के बाद स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने की संभावना है। राजस्थान की अलवर मंडी के चना व्यापारी सुरेश अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान की मंडियों में आवक न के बराबर हो रही है। पिछले एक सप्ताह में मंडियों में चने के भावों में 80 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव 2035-2050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि अन्य दालों के मुकाबले इस समय चना दाल सबसे सस्ती है इसलिए चने की खपत में बढ़ोतरी होने की संभावना है।अकोला मंडी के चना व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि महाराष्ट्र की मंडियों में पिछले एक सप्ताह में चने की कीमतों में 75 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 2050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयातित चने के भाव बढ़कर मुंबई पहुंच 2075 रुपये प्रति हो गए। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में भी करीब 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। पैदावार में बढ़ोतरीकृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक रबी सीजन में देश में चने का उत्पादन बढ़कर 63 लाख टन होने की संभावना है। हालांकि पैदावार का लक्ष्य 62 लाख टन का था। पिछले साल देश में चने की पैदावार 57 लाख टन की हुई थी। (Buisness Bhaskar.....R S Rana)
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