मुंबई June 03, 2009
घरेलू सीमेंट उद्योग चुनावों के बाद से काफी आशान्वित है। चालू वित्त वर्ष में बिक्री में जोरदार बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
बाजार के जानकार और उद्योग जगत के विश्लेषकों के मुताबिक मात्रा के आधार पर विकास प्रमुख होगा और वित्त वर्ष-10 में विकास दर 10 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
पिछली दो तिमाही के दौरान सीमेंट की लदान में हुई बढ़ोतरी से पता चलता है कि मांग में 8 प्रतिशत से अधिक की वृध्दि हर महीने हो रही है। अप्रैल महीने में 13 प्रतिशत की वृध्दि दर के साथ कुल 21.8 करोड़ टन सीमेंट की लदान हुई।
मई में भी लदान में बढ़ोतरी हुई है, बड़ी कंपनियों से कुछ इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं कि वृध्दि दर पहले जैसी बनी रहेगी। उदाहरण के लिए अंबुजा सीमेंट की लदान दर मई महीने में 9 प्रतिशत के करीब बढ़ी है, वहीं आदित्य बिड़ला समूह में वृध्दि दर 20 प्रतिशत के करीब है।
उत्तर भारत की बड़ी कंपनी जेपी एसोसिएट्स और श्री सीमेंट भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं और इनकी लदान दर में क्रमश: 26 प्रतिशत और 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2005 के बाद से लगातार सीमेंट के कारोबार में बढ़ोतरी हो रही है और संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसकी प्रमुख वजह है कि सीमेंट क्षेत्र में अच्छा मुनाफा हो रहा है।
सीमेंट की 50 किलो की एक बोरी की कीमतों में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतें 160 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर 250 रुपये प्रति बोरी पर पहुंच गई हैं। सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरि मोहन बांगुर ने कहा, 'अब कीमतों में आगे बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है, इसलिए विकास का पैमाना बिक्री की मात्रा में बढ़ोतरी ही होगा। मात्रा में बढ़ोतरी होने से मुनाफे में बढ़ोतरी होगी, जिसकी वजह से यह उद्योग कुल मिलाकर मुनाफे को बरकरार रखने में सफल होगा।'
उद्योग जगत के विश्लेषकों का कहना है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों और ग्रामीण इलाकों में मांग बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे की परियोजनाओं में मांग कम होगी, जो चुनाव के पहले बहुत ज्यादा थी। डालमिया सीमेंट (भारत) के प्रबंध निदेशक पुनीत डालमिया का कहना है कि हाल में विश्लेषकों के एक सम्मेलन में विभिन्न तथ्यों पर विचार हुआ।
उन्होंने कहा कि इस साल हम मात्रा के आधार पर बढ़ोतरी देखने जा रहे हैं। इस समय सीमेंट की औसत कीमत 245-250 रुपये प्रति बोरी है। सीमेंट क्षेत्र के मुंबई स्थित एक विश्लेषक ने कहा, 'सीमेंट की कीमतें पहले से ही ज्यादा हैं और भविष्य में बढ़ोतरी के आसार नहीं हैं। कीमतों में सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन वह उतनी ज्यादा नहीं होगी, जितनी उम्मीद पहले की जा रही थी।'
नवंबर 2008 से लदान दरों में बढ़ोतरी
महीना वृध्दि दर (प्र)नवंबर 1.17दिसंबर 12.11जनवरी 8.26फरवरी 8.73मार्च 10.35अप्रैल 13.03मई* 12स्रोत- सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन *बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में विश्लेषकों की राय
आधारभूत ढांचा परियोजनाओं में बढ़ेगी मांग, टियर-2 व 3 के शहरों में रहेगा बेहतर प्रदर्शनब्याज दरें कम होने से नकदी संकट दूर होगा, आपूर्ति में कमी की उम्मीद नहीं, क्षमता ज्यादाकीमतें बढ़ने के आसार कम, वित्त वर्ष-10 में 3-5 प्रतिशत कम हो सकती हैं कीमतें (BS Hindi)
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