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11 जून 2009

गुजरात में बढ़ सकती है मूंगफली की खेती

राजकोट June 10, 2009
नए खरीफ सत्र में गुजरात में मूंगफली की बुआई मामूली रूप से 5-7 प्रतिशत बढ़ सकती है।
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बीके किकानी के मुताबिक मूंगफली की खेती के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी के पूरे आसार हैं। किकानी ने कहा, 'मूंगफली की बुआई के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होगी। कपास अभी भी किसानों में लोकप्रिय बना हुआ है।
पिछले साल 18 लाख हेक्टेयर खेतों में मूंगफली की बुआई हुई थी और इस साल यह 19 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है। मूंगफली के क्षेत्रफल में जूनागढ़, राजकोट और जामनगर जिलों में बढ़ोतरी हो सकती है, वहीं भावनगर और पोरबंदर यह पिछले साल जितना ही रहेगा।'
उन्होंने कहा कि बारिश में अनियमितता किसानों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। वे बहुत ज्यादा प्रयोगधर्मी नहीं होंगे, जैसा कि उम्मीद की जा रही है। सामान्यता 5 गंभीर चरणों में बारिश में अनियमितता फसल के लिए हानिकारक होती है। लेकिन जबसे किसान इसके बारे में जागरूक हुए हैं, गुजरात में कपास की खेती बढ़ गई है।
तुलनात्मक रूप से पिछले 3 साल के दौरान, मूंगफली के क्षेत्रफल में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन उत्पादकता बढ़कर 800-1200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गई है। 2002 से कपास के उत्पादन में हर सत्र में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 2002 में 30 लाख गांठ से उत्पादन बढ़कर 2008 में 100 लाख गांठ हो गया है।
इसमें बुआई के बढ़े क्षेत्रफल, प्रति हेक्टेयर उपज में बढ़ोतरी प्रमुख वजह रही। किसानों ने इस फसल में रुचि दिखाई, क्योंकि निर्यात के मोर्चे पर कपास में सुधार आया है, साथ ही बुनाई उद्योग में निवेश और इसका दायरा बढ़ा है।
इसकी वजह से पिछले साल भी कच्चे माल के रूप में कपास की मांग बढ़ी है। मूंगफली की बुआई पूरे गुजरात में 2008-09 में 17 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जो पिछले सत्र से 1 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। कपास की बुआई 24 लाख हेक्टेयर में हुई, और उसके बुआई के क्षेत्रफल में पिछले साल की तुलना में 3 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई।
...उम्मीद की राह
मूंगफली की बुआई 5-7 फीसदी तक बढ़ सकती है इस साल 19 लाख हेक्टेयर खेतों में मूंगफली की बुआई का अनुमान हैजूनागढ़, राजकोट और जामनगर में मूंगफली के क्षेत्रफल में होगी बढ़ोतरी (BS Hindi)

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