मुंबई June 12, 2009
ऑनलाइन कारोबार की पारदर्शिता की वजह से कारोबारियों का भरोसा बढ़ा तो मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले दो महीने में कमोडिटी एक्सचेंज के कारोबार में भी 40.65 फीसदी का इजाफा हुआ।
जिंस बाजार नियामक, वायदा बाजार आयोग के वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक कमोडिटी एक्सचेंज का कुल कारोबार इस साल अप्रैल-मई की अवधि में बढ़कर 9.87 लाख करोड़ रुपये हो गया।
जबकि पिछले साल समान अवधि में कारोबार 7.02 लाख करोड़ था। इस साल समीक्षा की अवधि के दौरान सर्राफा सेगमेंट में कुल कारोबार 4.32 लाख करोड़ रुपये हुआ और इसमें 29.53 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। पिछले साल समान अवधि में 3.34 लाख करोड़ रुपये का कुल कारोबार हुआ था।
कृषि जिंसों के कारोबार में भी 45.92 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई और यह 1.09 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं दूसरे जिंसों का कुल कारोबार 52.75 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2.60 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 3.96 लाख करोड़ रुपये का हुआ।
औद्योगिक जिंसों में सोना, कच्चा तेल, चांदी और तांबे का कारोबार सबसे ज्यादा हुआ। वहीं कृषि जिंसों में सोयातेल, ग्वारसीड, रेपसीड, हल्दी, चना और सोयाबीन में अधिकतम कारोबार हुआ। इस अवधि के दौरान देश के सबसे बड़े जिंस कारोबार के मंच मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) का कारोबार में 83 फीसदी तक का योगदान रहा और यहां पिछले साल की समान अवधि के 5.57 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 8.24 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार हुआ।
बेस मेटल और पहले चर्चा किए गए धातुओं ने दो महीने की अवधि के दौरान शानदार प्रदर्शन किया और 6 लाख करोड़ रुपये का कुल राजस्व कमाया। ऊर्जा के सेगमेंट (तेल और गैस) से 2.14 लाख करोड़ का कारोबार हुआ जो पिछले साल 1.43 लाख करोड़ रुपये था।
इसी तरह नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में 11.68 फीसदी तक की बढ़त हुई और मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले दो महीने के दौरान 1.16 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जबकि पिछले साल 0.91 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार हुआ है। कृषि जिंस का कारोबार एक्सचेंज पर पिछले साल के 0.83 लाख रुपये के मुकाबले 1.12 लाख करोड़ रुपये हुआ।
पिछले साल इन्हीं दो महीने के दौरान कृषि जिंस एक्सचेंज के कुल कारोबार में 13.81 फीसदी का योगदान दिया था। अहमदाबाद स्थित नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज (एनएससीई) ने कुल कारोबार में 0.54 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ 5.5 फीसदी का योगदान दिया। हालांकि इससे पहले साल में इसका कारोबार महज 0.13 लाख करोड़ रुपये था।
पिछले साल एक्सचेंज ने कुल कारोबार का महज 2 फीसदी कारोबार किया था। जिंसों के वायदा कारोबार की इजाजत वर्ष 2003 में 40 सालों तक ठंडे बस्ते में रहने के बाद मिली। यह दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला जिंस वायदा बाजार है। (BS Hindi)
13 जून 2009
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