मुंबई June 12, 2009
इस साल आलू की पैदावार कम होने और नई फसल आने में अभी समय होने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है।
जून महीने में ही आलू की कीमतों में करीब 40 फीसदी की वृध्दि हो चुकी है। अचानक आलू की कीमतों में आई तेजी ने थाली पर खर्च होने वाले बजट को बढ़ा दिया है। बाजार के जानकार कीमतों में बढ़ोतरी को आलू में सक्रिय सटोरियों की चाल बताते है।
उनका कहना है कि कीमतें बहुत ज्यादा नहीं बढ़ने वाली हैं क्योंकि कोल्ड स्टोरों में आलू का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। जून महीने के पहले दिन खुदरा बाजार में आलू की कीमत 9 रुपये प्रति किलो थी, जो 10 जून तक 15-16 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई।
पिछले 10 दिनों में थोक बाजार में भी आलू की कीमतों में करीबन 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी देखने को मिली है। मुंबई की थोक सब्जी मंडी एपीएमसी में एक जून को आलू प्रति क्विंटल एक हजार के आसपास था, जो इस समय 1150 रुपये से 1200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में भी एक जून को आलू की थोक कीमत 850 रुपये प्रति क्विंटल थी जो आज 900 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई हैं। यही हाल वायदा बाजार का भी रहा है। एमसीएक्स में आलू जून अनुबंध एक जून को 920 रुपये प्रति क्विंटल और जुलाई अनुंबध की कीमत 1010 रुपये प्रति क्विंटल थी जो आज 960 और 1070 रुपये प्रति क्विंटल पर देखी जा रही हैं।
एपीएमसी में आलू के कारोबारी राजू भाई के अनुसार आलू की कीमतों में अब और ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होने वाली है क्योंकि आलू की कमी नहीं है । इस समय कीमतों में जो मजबूती देखने को मिल रही है, वह सटोरियों और कमोडिटी एक्सचेंजों की वजह से है।
आलू की कीमतों में हो रही वृध्दि की मुख्य वजह बाजार में आलू की कमी को बताया जा रहा है। इस साल उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत कम सर्दी पड़ने के कारण आलू की फसल करीबन 15 फीसदी कमजोर हुई थी। पश्चिम बंगाल में खराब बारिश और बीमारी के चलते आलू का उत्पादन अनुमान से करीबन 40 फीसदी कम हुआ है।
इसके अलावा आलू उत्पादक राज्य महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में भी आलू की कमजोर फसल की वजह से उत्पादन सही नहीं हुआ है। कुल मिलाकर पूरे देश में इस बार आलू की फसल करीबन पिछले साल की अपेक्षा 20 फीसदी कम हुई है।
आलू की बढ़ती कीमतों पर शेयरखान ब्रोकिंग के कमोडिटी हेड मेहुल अग्रवाल कहते हैं कि आलू की कीमतों में अब ज्यादा मजबूती होने की संभावना नहीं है क्योंकि कोल्ड स्टोरों में पर्याप्त भंडार है फिर भी सटोरियों की वजह से आलू बढ़ता भी है तो ज्यादा से ज्यादा 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम ही बढ़ेगा।
दिसंबर महीने में पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाली आलू की फसल और सितंबर में तैयार होने वाली कर्नाटक की आलू की फसल सही आने की यदि खबरें आई तो अगले 15 दिन में आलू की कीमतें बढ़नी बंद हो जाएंगी क्योंकि कोल्ड स्टोरों से माल निकलना शुरू हो जाएगा, लेकिन यहां से खराब फसल की खबर आई तो कीमतें और बढ़ सकती हैं। (BS Hindi)
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