कुल पेज दृश्य

05 जून 2009

हाजिर बाजार के मुकाबले हल्दी के वायदा भाव 450 रुपये कम

हाजिर बाजार के मुकाबले एनसीडीईएक्स में हल्दी वायदा के भाव भ्क्क्-450 रुपये प्रति क्विंटल नीचे चल रहे हैं। गुरुवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव बढ़कर 5300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा अनुबंध के भाव घटकर 4850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए थे। हालांकि बाद में बाजार बंद होने के समय भाव सुधरकर 4988 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्पादक मंडियों में हल्दी का स्टॉक पिछले साल से करीब आठ लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) कम है। जबकि बीते वित्त वर्ष 2008-09 में हल्दी के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मौजूदा भावों में गिरावट की संभावना नहीं है। निजामाबाद मंडी के हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि हाजिर में हल्दी के भाव बढ़कर म्फ्म्क्-5300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली से एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा भाव घटकर 4850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए थे। बाजार बंद होने के समय भाव 4988 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। निजामाबाद मंडी में इस समय हल्दी की दैनिक आवक घटकर मात्र 1500 बोरी की हो रही है।चालू सीजन में अभी तक निजामाबाद मंडी में हल्दी का मात्र तीन लाख बोरी का स्टॉक हुआ है जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब एक लाख बोरी कम है। देश की उत्पादक मंडियों में हल्दी का कुल 20 लाख बोरी का ही स्टॉक हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग आठ लाख बोरी कम है। उत्पादक राज्यों में एक-दो बारिश हो जाती हैं तो फिर चालू महीने के दूसरे पखवाड़े में बुवाई का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। नई आवक के समय भाव ऊंचे होने के कारण किसानों को अच्छे दाम मिले थे जिसकी वजह से चालू बुवाई सीजन में हल्दी की बुवाई भी बढ़ने की संभावना है। लेकिन एक तो उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक कम है, दूसरा वित्त वर्ष 2008-09 में निर्यात बढ़ा है। ऐसे में हल्दी के मौजूदा भावों में गिरावट की संभावना नहीं है। हल्दी व्यापारी डूंगरचंद ने बताया कि इरोड़ मंडी में हल्दी की आवक 3500-4000 बोरी की हो रही है जबकि भाव 5600- 5700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। अभी तक इरोड़ में हल्दी का मात्र नौ लाख बोरी का ही स्टॉक हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब चार लाख बोरी कम है। वारंगल में हल्दी का स्टॉक करीब डेढ़ लाख बोरी और डूग्गीराला में दो लाख बोरी का स्टॉक हुआ है। चालू वर्ष में देश में हल्दी की पैदावार में कमी आने के साथ ही बकाया स्टॉक कम होने से कुल उपलब्धता गत वर्ष से कम बैठी थी। ऐसे में हल्दी के मौजूदा भावों में मंदे की उम्मीद नहीं है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के पहले ग्यारह महीनों के दौरान देश से हल्दी का 49,000 टन का निर्यात हुआ है जोकि पिछले वित्त वर्ष के 44,360 टन से ज्यादा है। (Buisness Bhaskar.....R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: