19 जून 2009
चावल की सरकारी खरीद 303 लाख टन तक पहुंची
चालू खरीद सीजन में फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने पूरे देश में एक दिन पहले तक करीब 303.82 लाख टन चावल की सरकारी खरीद की है। पिछले साल इस अवधि के दौरान करीब 258.03 टन चावल की खरीद हुई थी। इस तरह खरीद में करीब 18 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।हालांकि इस बढ़त के बावजूद रोजाना की औसत खरीद में इस साल कमी देखी जा रही है। इस साल रोजाना औसत रूप से करीब 48,802 टन चावल की खरीद हो रही है। पिछले साल यह करीब 70,506 टन थी। जानकारों के मुताबिक सरकार द्वारा बेहतर समर्थन मूल्य देने से किसानों का रुझान सरकारी खरीद केंद्रों पर बढ़ा। लिहाजा चावल की रिकार्ड खरीद हुई। साल 2008-09 के लिए सामान्य चावल का एमएसपी 850 रुपये प्रति क्विंटल है। वहीं ग्रेड एक का एमएसपी 880 रुपये प्रति क्विंटल है। सरकार इस कीमत पर 50 रुपये का बोनस भी दे रही है। इस बीच सबसे ज्यादा चावल की खरीद पंजाब में हुई है। यहां कारपोरेशन ने करीब 85.31 लाख टन चावल की खरीद की है। वहीं आंध्र प्रदेश में 72.50 लाख टन, यूपी में 36.11 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 25.54 लाख टन और उड़ीसा में 23.57 लाख टन चावल की खरीद हुई है।थाईलैंड में चावल बिक्री टलने की आशासिंगापुर। थाईलैंड की सरकार करीब 26 लाख टन चावल की बिक्री के सौदे टाल सकती है। इस चावल की बिक्री के लिए उसे बिडिंग के दौरान जो मूल्य मिल रहा है, वह मूल्य उसके ऑफर रेट से कम है। इसी कारण बिक्री प्रक्रिया टल सकती है। बिक्री योजना के टलने से सरकारी गोदामों में करीब 55 लाख टन चावल का स्टॉक रहने का अनुमान है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस योजन के तहत अभी तक सरकार की ओर से कोई सौदा तय नहीं हुआ है। चावल बिक्र के लिए कोई नया टेंडर जारी होने के भी अभी कोई संकेत नहीं है। मुख्य रूप से कम भाव पर बिड मिलने से सरकार को यह टेंडर रद्द करना पड़ रहा है। मिल वालों और चावल निर्यातकों ने सरकार के ऑफर मूल्य से बेहद कम कीमत पर बोलियां लगाई थीं। उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में थाई सरकार ने किसानों की सहायता के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चावल खरीदा था। उस समय घरलू बाजार में चावल की कीमतें समर्थन मूल्य से नीचे थीं। सरकार ने इस साल 31 जुलाई तक करीब 60 लाख टल चावल का स्टॉक बनाने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा समय में 55 लाख टन का स्टॉक है। नए टेंडर के बार में सरकार हफ्ते भर के अंदर फैसला कर सकती है। निर्यातकों ने सरकार से इस पर जल्द फैसला करने की मांग की है। (डो जोंस) (Business Bhaskar)
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