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13 मई 2009

चीन को छोड़कर पूरी दुनिया में घटेगी जिंक की मांग

इस साल दुनिया भर में जिंक की मांग में जबर्दस्त कमी आ सकती है। मैक्वेरी रिसर्च के कार्यकारी निदेशक एडम रॉली के अनुसार इसके साथ ही जिंक के उत्पादन में भी कमी आने की संभावना है।जर्मनी की मेटल बुलेटिन कांफ्रेंस में रॉली ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल चीन से बाहर दुनिया में जिंक की मांग में 16 फीसदी कमी आने का अनुमान है। इसकी वजह यह है कि ऑटो और निर्माण उद्योग से जिंक की मांग में भारी कमी आई है। रॉली के मुताबिक चीन में जिंक की मांग इस साल दूसरी छमाही से सुधरने की उम्मीद है। खपत में इस बढ़ोतरी की वजह से चीन की सालाना जिंक खपत में 2008 की तुलना में 4.4 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। रॉली ने यह भी कहा कि खपत के मुकाबले मांग में ज्यादा कमी आएगी। वैश्विक स्तर पर मांग में 9.3 फीसदी की कमी आएगी। जबकि खपत 9 फीसदी घटने की संभावना है। इस वजह से दो लाख टन का सरप्लस स्टॉक रहेगा। इस सरप्लस के एक हिस्से की खपत चीन में होगी। चीन का स्टेट रिजर्व ब्यूरो इस साल के शुरूआती चार महीने में 1.59 लाख टन जिंक खरीद चुका है। इस साल जिंक के उत्पादन में भी कमी के आसार हैं। रॉली के मुताबिक 2008 की तुलना में 2009 में दुनिया भर के जिंक उत्पादन में दस फीसदी यानी 12 लाख टन की कमी आएगी। वह मानते हैं कि मांग में कमी के आसार को देखते हुए जिंक खनन करने वाली कंपनियां भी इसके उत्पादन में कमी कर रहे हैं। हालांकि मांग में इस कमी की वजह से सरप्लस जिंक की मात्रा में भी कमी आएगी। इस वजह से स्थितियां सामान्य होने पर सरप्लस जिंक भाव में गिरावट की वजह बन सकता है। (Business Bhaskar)

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