30 मई 2009
डॉलर की कमजोरी से सोना फिर सातवें आसमान पर
लंदन- यूरोपीय बाजारों में फरवरी के बाद एक बार फिर सोने की कीमतें 970 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गईं। कारोबारियों ने कमजोर पड़ते डॉलर के खिलाफ जोखिम कम करने के लिए (हेजिंग) सोने में अपना निवेश बढ़ाया है, इसलिए सोने की कीमतों में यह तेजी आई है। जानकारों का कहना है कि तेल की कीमतों में जारी तेजी और दुनिया के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता देश भारत में शादियों के सीजन में खरीदारी बढ़ने से भी सोने की कीमतों को मजबूती मिली है। कॉमर्ज बैंक के ट्रेडर माइकल केम्पिनसिकी ने बताया, 'बाजार में फॉरेक्स की अहम भूमिका होती है। मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमतें साल के उच्चतम स्तर पर हैं, इससे सोने की कीमतों में मजबूती का रुख बना हुआ है। साथ ही शुक्रवार को वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की कीमतें पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गईं।' जानकारों ने बताया कि डॉलर की कीमतें गिरने के कारण निवेशकों ने सोने का दामन थाम लिया है, इसलिए शुक्रवार को यह पिछले 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यूबीएस के एनालिस्ट जॉन रीड ने बताया, 'निकट भविष्य में सोने की कीमतें कमजोर डॉलर के बजाय महंगाई दर पर काफी हद तक निर्भर करेंगी। शुक्रवार को अमेरिकी बॉन्ड बाजार में सुधार होने के बाद महंगाई दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है।' उन्होंने कहा कि कमजोर डॉलर और बढ़ती महंगाई दर की संभावना निश्चित रूप से सोने की कीमतों में तेजी लाने का माहौल तैयार करती है। महंगाई दर के इजाफे में कच्चे तेल की कीमतों की अहम भूमिका होती है। शुक्रवार को वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 6 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ सालों के आंकड़ों के मुताबिक महीने दर महीने के लिहाज से तेल की कीमतों में 10 साल में यह सबसे बड़ी तेजी है। चांदी की कीमतों में भी सोने की ही तरह तेजी का रुख रहा और शुक्रवार को यह 15.54 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गईं। पिछले साल 8 अगस्त के बाद चांदी अपने सबसे मजबूत स्तर पर है। जानकारों ने बताया कि इन धातुओं में बढ़ते निवेश के कारण कीमतों में तेजी बनी हुई है। इसके साथ ही सिल्वर बैक्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में भी जनवरी 2009 के बाद तेजी आई है। इसके साथ ही कॉमेक्स फ्यूचर एक्सचेंज में खरीदारी में भी इजाफा हुआ है। कमोडिटी एक्सचेंज से जुड़े एक जानकार ने बताया कि चांदी की खरीदारी में भी तेजी से इजाफा हुआ। निवेशक इसे सोने के विकल्प के रूप में खरीद रहे हैं। पिछले कुछ समय में ऐसा देखने को मिला है कि यह विविधता भरे पोर्टफोलियो के लिहाज से काफी बेहतर है और कमजोर डॉलर और महंगाई दर के खिलाफ हेजिंग के लिए भी यह एक बेहतर जरिया है। (ET Hindi)
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1 टिप्पणी:
achchhi khabar hai !
kya bataa sakte hain ki yahaan se sona neeche jaayega ya ooper hi jaane ki ummeed hai ?
ek baat aur setting main jaakar word verrification hataa dein is se comments dene main deri hoti hai
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