12 मई 2009
अप्रैल में प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन में नौ फीसदी की गिरावट
नई दिल्ली- प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन में इस साल अप्रैल महीने में नौ फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान देश में रबड़ का उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि के 52,250 टन के उत्पादन के मुकाबले गिरकर 52,000 टन रह गया है। रबड़ उत्पादन में आई कमी की मुख्य वजह इसकी पैदावार करने वाले प्रमुख राज्य केरल में सूखे को माना जा रहा है। प्राकृतिक रबड़ की खपत हालांकि इस अप्रैल में बढ़कर 73,000 टन हो गई है, जबकि इससे एक साल पहले की इसी अवधि में इसकी खपत 70,025 टन रही थी। रबड़ बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उत्पादन में कमी की वजह केरल के प्रमुख रबड़ पैदावार इलाकों में पड़ा सूखा है।' खपत में इजाफे की वजह टायर इंडस्ट्री में आ रहे सुधार को बताया। नेचुरल रबड़ का आयात 86 फीसदी बढ़कर अप्रैल में 8,175 टन हो गया, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में रबड़ का आयात 4,391 टन के स्तर पर रहा था। इसके उलट अप्रैल में रबड़ का निर्यात 82 फीसदी गिरकर 653 टन रह गया जो कि पिछले साल 3,690 टन था। अधिकारी ने कहा, 'रबड़ के आयात में बढ़ोतरी की वजह देश में बढ़ रही इसकी मांग है।' उन्होंने कहा कि रबड़ के निर्यात पर पड़ी चोट की वजह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमतों में मौजूद भारी अंतर है। 9 मई को कोट्टयम में रबड़ की कीमतें 99.50 रुपए प्रति किलो पर थीं, जबकि 11 मई को सिंगापुर में आरएसएस-3 किस्म की रबड़ की कीमत 84.20 रुपए प्रति किलो पर थी। रबड़ बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2009-10 में प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन 8,67,000 टन पर रहेगा। इसी तरह देश में रबड़ की खपत इस साल 8,75,000 टन पर रहने की उम्मीद है जबकि पिछले साल यह 8,66,000 टन थी। (ET Hindi)
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