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18 मई 2009

मिलों की मांग से कपास में सुधार की उम्मीद

मिलों के पास धागों का स्टॉक लगभग खत्म होने से अब घरलू बाजार में कपास की मांग सुधरने की उम्मीद की जा रही है। इस बीच मंदी के बावजूद दुनिया भर में कपास की खपत करीब 0.9 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। यह देखते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कपास की कीमतों में भी सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि मांग में कमी के चलते भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की सबसे ज्यादा उपयोग आने वाली शंकर-6 किस्म की कीमत में पिछले महीने करीब चार सौ रुपए प्रति कंैडी की कमी दर्ज की गई। इसके बावजूद इस साल कपास की कीमतों में छह से आठ फीसदी का सुधार हुआ है।उल्लेखनीय है कि इस साल सीसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बड़े पैमाने पर कपास की खरीद की है। सीसीआई ने इस सीजन में अप्रैल तक साठ लाख गांठ (170 किलो) से ज्यादा कपास की बिकवाली भी कर चुकी है। इस तरह से कपास बाजार सीसीआई के पूरे नियंत्रण में है। यह भी महत्वपूर्ण है कि एमएसपी में चालीस फीसदी तक की बढ़ोतरी से किसानों का रुझान कपास की पैदावार की ओर बढ़ा है। इस वजह से इस साल भी देश में कपास का रकबा और पैदावार बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी तरफ मंदी के कारण वर्ष 2008-09 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान कपास का निर्यात करीब 50 फीसदी से ज्यादा घटकर 35 से 40 लाख गांठ रह जाने की आशंका है जो कि पिछले वर्ष 85 लाख गांठ तक पहुंच गया था।मंदी के चलते मौजूदा सीजन में देश से अब तक करीब 25 लाख गांठ कपास का निर्यात होने का अनुमान है जबकि नया सीजन शुरू होने में अब महज साढ़े चार महीने और बचे हैं। लेकिन दूसरी छमाही से टैक्सटाइल निर्यात में सुधार और मिलों के पास सूती धागों का स्टॉक घटने से घरलू बाजार में कपास की मांग निकलने की उम्मीद है। उधर, देश में वर्ष 2008-09 के दौरान कपास उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 3.15 करोड़ से करीब आठ फीसदी घटकर 2.90 करोड़ गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) रह जाने का अनुमान है। आयात शुल्क समाप्त होने से देश में इस साल में कपास आयात बढ़कर सात लाख गांठ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस तरह देश में कुल उपलब्धता 3.50 करोड़ गांठ होने की संभावना है।ऐसे में मंदी के चलते घरेलू कपड़ा मिलों की खरीद पिछले वर्ष के मुकाबले 2.40 करोड़ से घटकर 2.30 करोड़ गांठ रह जाने का अनुमान है। यह देखते हुए नया सीजन शुरू होने के समय देश में लगभग साठ लाख गांठ कपास का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक बचने की संभावना है। सीसीआई द्वारा लगातार खरीद के कारण घरलू बाजार में कपास की कीमतें सुधरने लगी हैं। इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के भाव 50 से 60 सेंट प्रति पौंड बीच बने हुए हैं। हालांकि अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में भावों सुधार की संभावना व्यक्त की जा रही है। (Buisness Bhaskar)

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