कुल पेज दृश्य

16 मई 2009

नेफेड नहीं कर सकेगी चीनी का आयात

नई दिल्ली- प्रमुख कोऑपरेटिव संस्था नेफेड सफेद चीनी का आयात नहीं कर सकेगी। सरकार ने निश्चय किया है कि चीन आयात करने का काम सार्वजनिक क्षेत्र की केवल तीन ट्रेडिंग कंपनियों पीईसी, एसटीसी और एमएमटीसी तक ही सीमित रखा जाए। यह पता चला है कि 4 मई को हुई सचिवों की समिति की बैठक में यह निश्चय किया गया कि नेफेड को शुल्क मुक्त चीनी आयात करने के काम से अलग रखा जाए, क्योंकि कमेटी का मानना है कि कोऑपरेटिव चीनी आयात करने की स्थिति में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि नेफेड को चीनी आयात करने के फैसले से इसलिए अलग रखा गया है कि क्योंकि पीईसी, एसटीसी, एमएमटीसी और नेफेड को शून्य शुल्क पर 10 लाख टन चीनी आयात करने की अनुमति देने के बाद से लेकर अब तक नेफेड चीनी आयात करने को लेकर कोई भी कॉन्ट्रैक्ट कर पाने में असमर्थ रही है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट द्वारा 9 अप्रैल को शुल्क मुक्त रिफाइंड चीनी के आयात की अनुमति देने के बाद से तीनों सार्वजनिक कंपनियों ने अभी तक केवल 50,000 टन चीनी का आयात किया है। चारों ट्रेडिंग फर्मों को अलग-अलग 2.5 लाख टन चीनी आयात करने की अनुमति दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि नेफेड का कोटा तीनों बची ट्रेडिंग फर्मों के बीच बराबर बांट दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि 1 अगस्त तक तीनों सार्वजनिक ट्रेडिंग फर्में दो लाख टन से ज्यादा चीनी आयात नहीं कर पाएंगी। इस कारण वाणिज्य मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि बची हुई आठ लाख टन चीनी को निजी टेडरों के जरिए आयात करने की इजाजत दी जाए। घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता और कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए सरकार ने और भी दूसरे कदम उठाए हैं। घरेलू बाजार में बिक्री के लिए फरवरी में सरकार ने सितंबर तक शुल्क मुक्त कच्ची चीनी आयात करने की अनुमति दी थी। (ET Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: