09 मई 2009
प्रमुख दालों की कीमतों में तेजी
मुंबई- पिछले चार महीनों के दौरान प्रमुख दालों तूर, उड़द और मूंग की कीमतों में 500 से 1,200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के कारण दाल बाजार में भाव बढ़े हुए हैं। एक स्थानीय ट्रेडर के मुताबिक दालों की कीमतों में तेजी के पीछे कई वजह जिम्मेदार हैं। ट्रेडर का कहना है कि एक तरफ आयात गिर रहा है तो दूसरी तरफ किसान सोयाबीन और कपास जैसी फसलों की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इससे दालों के उत्पादन क्षेत्र में गिरावट आ रही है। आयात में कमी की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू बाजार में कीमतों में अंतर को लेकर भी है। अभी मुंबई पोर्ट पर लेमन तूर की किस्म की दाल आयात करने का खर्च 3,900 रुपए प्रति क्विंटल (740 डॉलर प्रति टन) है जबकि तैयार कीमतें (कीमत जिस पर विक्रेता उपलब्ध हैं) 3,650 रुपए हैं। इसी तरह उड़द को आयात करने का खर्च 3,100 रुपए प्रति क्विंटल (600 डॉलर प्रति टन) है और तैयार कीमतें 2,800 रुपए हैं। डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के कारण भी आयात महंगा हुआ है। पिछले साल डॉलर के मुकाबले रुपया 45-47 के बीच में था, जबकि इस साल रुपया डॉलर के मुकाबले 50-51 के स्तर पर है। रुपए में गिरावट आयातकों के सामने बड़ी मुश्किल है। निजी आयात (25 लाख टन) और सरकारी आयात (10-11 लाख टन) दोनों में कमी आई है। सरकार ने 2008-09 में 15 लाख टन दाल आयात करने का लक्ष्य बनाया है। जलगांव के एक प्रमुख दाल व्यापारी सतीश मित्तल का कहना है कि आयात में गिरावट तो समस्या है ही साथ में महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में किसान सोयाबीन और कपास जैसी फसलों की तरफ अधिक आकर्षित हो रहे हैं। इन फसलों से उन्हें अधिक उत्पादकता मिल रही है। सरकार ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 29-48 फीसदी की बढ़ोतरी की है। ट्रेडरों का मानना है कि इससे किसानों को उत्साहित होना चाहिए। लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि अब दूसरी फसलों की उत्पादकता अधिक मायने रख रही है। मित्तल का कहना है, 'एक एकड़ क्षेत्रफल से तीन क्विंटल उड़द और नौ क्विंटल सोयाबीन मिलता है और कीमतों के मामले में दोनों समान है। इस कारण सोयाबीन को किसान प्राथमिकता दे रहे हैं।' पिछले चार महीनों में दाल की कीमतों में काफी तेजी आई है। तूर की कीमतें 1,200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 3,850 रुपए पर आ गई हैं तो उड़द के भाव 500 रुपए बढ़कर 3,300 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए हैं। इसी तरह, मूंग की कीमतें 800 रुपए बढ़कर 4,200 रुपए क्विंटल पर पहुंच गई हैं। दाल आयातकों के एसोसिएशन के प्रेसिडेंट के सी भरतिया का कहना है कि तूर की कीमतों में अधिक तेजी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार को कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए आयात की गई दाल को बाजार में रिलीज करना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार को दालों के एमएसपी में अतिरिक्त पांच फीसदी की बढ़ोतरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आयात के लिए अधिक कीमत देने के लिए तैयार है, लेकिन किसानों को कम भुगतान किया जा रहा है। (ET Hindi)
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