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19 अक्तूबर 2008

हरियाणा में मिलावटी बीज की जांच शुरू

हरियाणा के धान उत्पादक किसानों ने मिलावटी बीजों के लिए प्राइवेट बीज कंपनियों के खिलाफ कमर कस ली है। किसनों ने धान के हाईब्रिड बीज की आरएच-10 और पेप्सी किस्मों में मिलावट से हुए फसल को नुकसान के लिए प्राइवेट बीज कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण फोरम में शरण ली है। फोरम ने राज्य के कृषि विभाग से बीजों में मिलावट के मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है । किसानों का कहना है कि बीजों में मिलावट होने से उनकी फसल को 20-25 फीसदी का नुकसान हुआ है। पानीपत व करनाल जिले के करीब पचास किसानों की ओर से कृषि विभाग को शिकायतें मिली हैं। पानीपत के किसान रोहताश व सुनील (गांव सिवाह), भोपाल (गांव ऊझां), रामभज (गांव भटीपुरा), भूप सिंह (गांव नंगला पार),संजीव (गांव कचरोली) और अन्य किसानों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। उनका कहना है उन्होंने जे.के सीड कंपनी हैदराबाद के हाईब्रिड आर.एच-10 और सेवन सीड कंपनी का पेप्सी बीज खरीदा था। बीज में मिलावट होने से खेतों में पौधे की लंबाई एक समान न होकर छोटे-बड़े थे है।इसी तरह कुछ फसल जल्दी पक गई जबकि कुछ फसल अधपकी रह गई। इस कारण फसल दो बार में काटनी पड़ी। इससे एक तो फसल पर लागत बढ़ गई और मंडी में धान की कीमत भी कम मिली। कृषि विभाग पानीपत के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी डा. आर एस दहिया ने बिजनेस भास्कर को बताया कि फोरम ने विभाग क ो बीजों में मिलावट होने की शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। कुछ किसानों से भी बीज में मिलावट होने की शिकायत मिली है। किसानों की शिकायतें जांच में सही पाई गई है। खेतों के निरीक्षण में बीज में दूसरी किस्मों के बीजों की मिलावट 20 से 25 फीसदी है। उधर सेवन सीड कंपनी के करनाल जोन के अधिकारी वीरपाल ने बताया कि अभी कंपनी को बीज में मिलावट की शिकायत नहीं मिली हैं। अगर किसी किसान की शिकायत मिलती हैं तो कं पनी उसकी जाँच करेगी। (Business Bhaskar)

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