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09 अक्टूबर 2008

पाम तेल की मंदी रोकने को निर्यात पर जोर देगा

मलेशिया में पाम तेल का स्टॉक दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। विदेशी मांग कम होने से भाव लगातार घट रहे हैं। बुधवार को भी बुरसा डेरिवेटिव एक्सचेंज में क्रूड पाम तेल के भाव चार फीसदी से ज्यादा गिर गए।कच्चे तेल में जारी नरमी के चलते क्रूड पॉम तेल के दाम मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेज में दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गए। बुरसा एक्सचेंज में क्रूड पॉम तेल के दाम 4.1 फीसदी गिरकर 1800 टन रिगिंट के स्तर पर आ गए। एक्सचेंज के दिसंबर वायदा में इसके दाम करोबारी सत्र में 1773 रिंगिट प्रति टन के स्तर तक गिर गए थे। उधर मलेशिया सरकार ने रिकार्ड स्तर पर पहुंचे पॉम तेल के स्टॉक को कम करने के लिए कच्चे पॉम तेल के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।यह बात मलेशिया के प्लांटेशन उद्योग मंत्री पीटर चिन ने मंगलवार को क्वालालंपुर में कही। साथ ही सरकार पेट्रोल में बायोडीजल मिलाने के कार्यक्रम को तेजी से क्रियान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि इस साल रिकार्ड उत्पादन और कमजोर मांग के चलते देश में पाम तेल का स्टॉक रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। जिसके चलते दामों में लगातार गिरावट का सिलसिला बना हुआ है। इसे देखते हुए निर्यात को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। मलेशिया मुख्य रूप से रिफाइंड पाम तेल का निर्यातक देश है। घरेलू रिफाइनिंग को बढ़ावा देने के लिए कच्चे पाम तेल का निर्यात को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। कच्चे पाम तेल का निर्यात तय कोटे के अनुसार किया जाता है। इसके निर्यात के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होती है। विश्व में पाम तेल का सबसे बड़ा निर्यातक इंडोनेशिया कच्चे पाम तेल का निर्यात ज्यादा करता है। पाम तेल के सबसे बड़े आयातक देश चीन और भारत हैं। पिछले चार दिनों में मलेशिया में कच्चे पॉम तेल के दाम 25 फीसदी गिरकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गये है। देश से कुल निर्यात में कच्चे पाम तेल का हिस्सा बढ़ा रहा है। सितंबर में मलेशिया का कच्चे तेल का निर्यात 15 फीसदी बढ़ा है। जबकि अगस्त में इसमें 13.7 फीसदी और जुलाई में 11.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। (Business Bhaskar)

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