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16 अक्तूबर 2008

मक्का निर्यात से प्रतिबंध हटा

सरकार ने मक्का के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। इस साल तीन जुलाई को केंद्र सरकार ने घरलू बाजारों में मक्के की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए इसके निर्यात पर 15 अक्टूबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने मक्का के निर्यात पर रोक बढ़ाने के लिए कोई नई अधिसूचना जारी नहीं की। इस तरह मक्का निर्यात पर रोक स्वत: ही समाप्त हो गया। इस साल मक्के का रिकार्ड निर्यात होने की वजह से घरलू बाजारों में इसके भाव काफी बढ़ गए थे। ऐसे में पोल्ट्री उद्योग और स्टार्च उद्योग की मांग पर सरकार ने इस साल तीन जुलाई को मक्के के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से घरलू बाजारों में मक्के की कीमतों में काफी गिरावट आई है।गौरतलब है कि इस साल निर्यात बढ़ने की वजह से जुलाई में मक्के के भाव जनवरी के 700 रुपये `िंटल से बढ़कर 1000 रुपये `िंटल के उच्च स्तर पर चले गए थे। इस साल मक्के का बंपर उत्पादन होने के बावजूद निर्यात बढ़ने की वजह से पिछले साल की तुलना में भाव करीब 40 फीसदी तक बढ़ गए थे। पिछले साल यहां से महज चार लाख टन मक्के का निर्यात हुआ था। जबकि इस साल करीब 30 लाख टन मक्के का निर्यात हुआ। हालांकि घरलू कीमतों में वैश्विक स्तर पर बढ़े भावों का भी असर रहा। इस साल कच्चे तेल की कीमतों में तगड़ी तेजी की वजह से वैश्विक स्तर पर एथनोल और बायोफ्यूल की मांग बढ़ने लगी। जिसका असर मक्के के कारोबार पर तेजी के रूप में देखा गया। लेकि न पिछले महीने से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ ही घरलू फसल की आवक बनने की वजह से मक्के की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। वर्तमान में घरलू बाजारों में मक्के का भाव सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से भी नीचे चल रहा है। इसके कारण कई राज्यों में किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। राज्यों की ओर से मक्का निर्यात पर रोक हटाने की मांग लगातार उठाई जा रही थी। अब चूकि मक्का के भाव काफी नीचे है और उससे घरलू स्तर पर औद्योगिक उपभोक्ताओं को किसी तरह की परशानी होने की आशंका नहीं है। घरलू स्तर पर स्टार्च और पोल्ट्री उद्योग को करीब 1.2 करोड़ टन मक्के की जरूरत पड़ती है। जबकि इस साल खरीफ सीजन में करीब 1.304 करोड़ टन मक्के का उत्पादन होने का अनुमान है। इस कारण सरकार ने मक्का के निर्यात पर रोक आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। उम्मीद की जा रही है कि इससे मक्का के भाव सुधरने लगेंगे। (Business Bhaskar)

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