नई दिल्ली October 02, 2008
त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही केलिए 52 लाख टन गैर-लेवी चीनी उपलब्ध कराने का फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले साल इस दौरान 42 लाख टन चीनी उपलब्ध कराया गया था।
पिछले महीने के दो लाख टन बगैर बिकी हुई चीनी के साथ-साथ कुछ अन्य कोटा को जोड़कर अक्टूबर महीने में कुल 23.27 लाख टन चीनी उपलब्ध होगी जबकि पिछले साल इस महीने (अक्टूबर 2007) में 18.28 लाख टन चीनी उपलब्ध कराई गई थी। अक्टूबर के त्योहारी सीजन को देखते हुए चीनी की यह मात्रा पर्याप्त कही जा सकती है। मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार चीनी की कीमतों पर करीबी निगाह रखे हुए है और कीमत में बढ़ोतरी के बाद अगर जरूरत पड़ी तो सरकार चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी करने से पीछे नहीं हटेगी। फिलहाल खुदरा बाजार में चीनी की कीमत 20-22 रुपये प्रति किलो है।
महीने के आखिर में स्टॉक बनाए रखने की बजाय चीनी मिलों को कहा गया है कि वे अपना एक तिहाई कोटा महीने के पहले पखवाड़े में बाजार में उतार दे। इसके अलावा सरकार अपने बफर स्टॉक से 2.25 अतिरिक्त चीनी जारी करने का फैसला लिया है। पहले यह मात्रा अक्टूबर-सितंबर 2008-09 में किसी समय जारी करने की बात थी, लेकिन अब तिमाही के आधार पर बेची जाएगी। जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 6.75 लाख टन, जनवरी-मार्च की तिमाही में 4.5 लाख टन और अप्रैल-जून की तिमाही में 6.75 लाख टन और जुलाई-सितंबर की तिमाही में 4.5 लाख टन चीनी बेचने की जरूरत होगी। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, मौजूदा तिमाही के लिए आवंटित कोटे में से बगैर बिकी हुई चीनी को लेवी चीनी में बदल दिया जाएगा। यही नहीं, डिफॉल्टर होने वाली चीनी मिलों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सितंबर के सामान्य गैर-लेवी कोटा के चीनी की अवधि को 15 दिन के लिए बढ़ाकर इसे 15 अक्टूबर तक किया जा चुका है। यदि इसके बाद भी चीनी बिकने से बच जाती है तो उसे लेवी चीनी में बदल दिया जाएगा। (BS Hindi)
03 अक्तूबर 2008
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