आर एस राणा
नई दिल्ली। सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों के करीब 45 जिलों में चालू खरीफ में पहली जून से 12 अगस्त तक सामान्य से कम हुई है, तथा प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में अगेती फसल पर सफेद मक्खी रोग लगने की शिकायत मिली है जिसकी रोकथाम के लिए इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन शोध संस्थान ने किसानों के लिए एडवायजरी जारी की है।
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के रतलाम, रायसेन, होशंगाबाद और अलीराजपुर के अलावा राजस्थान के कुछ इलाकों में सोयाबीन की अगैती फसल पर सफेद मक्खी के प्रकोप कि शिकायतें प्रशासन को मिली हैं। जिले लेकर इलाके के किसानों को कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए जागरुक किया जा रहा है। यह समय सोयाबीन की अगैती फसल में फूल आने का है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस समय सोयाबीन के खेतों में पर्याप्त नमी की जरूरत होती है लेकिन कई जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है, जिस कारण फसल पर सफेद मक्की के अलावा पौधों पर फंगस का भी असर असर देखने को मिला है, जिसका असर फसल पर पड़ने की आशंका है।
कम बारिश वाले इलाकों में फसल को तत्काल सिंचाई की जरुरत
इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन शोध संस्थान के मुताबिक कम बारिश वाले इलाकों में किसानों को तत्काल सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं जिन इलाकों में सोयाबीन की फसल पर फंफूदजनित एन्थ्रेकनोज नाम की बीमारी के प्रकोप की सूचना मिली है। वहां के किसानों को जागरुक किया जा रहा है और उन्हे इन बीमारियों और कीटों की रोकथाम के लिए जरुरी कीटनाशकों के रोकथाम के लिए जानकारी दी जा रही है। फंफूदजनित एन्थ्रेकनोज के लिए टेबुकोनाझोल और सल्फर के घोल का छिड़काव करना होता है। जबकि सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए थायमिथोक्सम, इमिडाक्लोप्रिड और बीटासायफ्लूथ्रीन नाम के कीटनाशकाों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
सोयाबीन की बुआई चालू खरीफ में 7.50 फीसदी ज्यादा
मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ के करीब 45 जिलों में चालू मानसूनी सीजन में अभी तक बारिश सामान्य से कम हुई है। उधर गुजरात में भी सोयाबीन की खेती पिछले साल से करीब 52 फीसदी बढ़कर 1,48,604 हेक्टेयर में हुई है जबकि राज्य के करीब 20 जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक चालू खरीफ में सोयाबीन की बुआई 7.50 फीसदी बढ़कर अभी तक 118.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बनेगी मानसून की सक्रियता
सोयाबीन में प्लांटों की मांग तो कमजोर है लेकिन बारिश की कमी के कारण स्टॉकिस्ट भाव तेज कर सकते हैं, अत: भाव में तेजी आने पर बिकवाली ही करनी चाहिए। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों पर मानसून की हलचल बढ़ गई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पूर्वी हिस्सों के साथ ही गुजरात में मानसून की सक्रियता कई दिनों तक बनी रहेगी और इस दौरान कई स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है। ................ आर एस राणा
12 अगस्त 2020
सोयाबीन के उत्पादक राज्यों में बारिश की कमी, अगेती फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप
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