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19 अगस्त 2020

केंद्र सरकार ने गन्ने के एफआरपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को दी मंजूरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) को 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने को मंजूरी दे दी। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन 2020-21 के लिए तय किया गया है।  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में गन्ने का 2020- 21 (अक्टूबर- सितंबर) पेराई सीजन के लिए एफआरपी में 10 रुपये क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी गई। यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है। पिछले साल केंद्र सरकार ने गन्ने के एफआरपी में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।
सूत्रों के अनुसार सीसीईए ने कृषि मंत्रालय के इस संबंध में दिए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रालय ने आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने का सरकारी मूल्य यानी एफआरपी 275 रुपये से बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रिमंडल समिति का यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के मुताबिक है। सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली सांविधिक संस्था है। एफआरपी को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड तथा पंजाब में राज्य सरकारें गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) तय करती है, जोकि केंद्र सरकार द्वारा तय एफआरपी से ज्यादा होता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक तथा तमिलनाडु समेत कई राज्यों में गन्ने की खरीद एफआरपी के आधार पर होती है। उद्योग के अनुसार चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 280 लाख टन से कम रहने का अनुमान है जबकि आगामी पेराई सीजन में 305 लाख टन से ज्यादा उत्पादन का अनुमान है।........... आर एस राणा

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