आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना माफियाओं पर नकेल कसने का फरमान जारी किया है। इसके तहत फर्जी गन्ना किसानों की पहचान कर उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि सरकार ने पेराई सीजन 2020-21 के लिए नए किसानों के रजिस्ट्रेशन का सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। नए रजिस्ट्रेशन में 100 फीसदी सत्यापन के बाद ही सट्टे संचालित किए जाएंगे। इसके बारे में विभागीय अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिया जा चुका है।
फैसले के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में बने नए गन्ना किसान सदस्यों में करीब 10 फीसदी के सत्यापन के बाद पता चला कि सहारनपुर मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ और अयोध्या में गन्ना समितियों में सदस्यता देने में भारी अनियमितताएं हुई हैं। इसी वजह से चालू सत्र के साथ ही आगामी पेराई सत्र में भी नए सदस्यों की पूरी तरह से सत्यापन कराने का फैसला लिया गया है।
उन्होने कहा कि गलत तथ्यों और कागजातों के आधार पर सदस्यता हासिल किए किसानों के विरुद्ध कार्रवाई के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। साथ ही जिन अधिकारियों के जरिए इसे अंजाम दिया गया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि कई किसानों ने लाभ कमाने के मकसद से फर्जी कागज और कर्मचारियों की मिलीभगत के सहारे गन्ने का ज्यादा रकबा दिखाया है। गन्ने की कम खेती के बावजूद इन लोगों मे भारी मात्रा में अनुचित लाभ कमाया है।............ आर एस राणा
12 अगस्त 2020
गन्ना माफियाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती
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