आर एस राणा
नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी पर अगस्त 2020 का दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। हाल ही में 3 अगस्त को एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर विकसित हुआ था जो ओडिशा, छत्तीसगढ़ को पार करते हुए मध्य प्रदेश और गुजरात तक पहुंचा। इस सिस्टम के कारण मध्य भारत के तमाम इलाकों पर मानसून की हलचल बढ़ी और कई इलाकों में भारी वर्षा दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा, गुजरात, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा का भी अनुमान है। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम मॉनसूनी बौछारों के बीच एक या दो जगहों पर भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
संभावना है कि 7 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उठेगा जो धीरे-धीरे प्रभावी होते हुए निम्न दबाव में तब्दील हो जाएगा। अगस्त के शुरुआती 10 दिनों में यह दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र होगा। यह सिस्टम थोड़ा दक्षिणावर्ती रुख अपनाएगा और दक्षिणी ओडिशा तथा उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से जमीनी भागों पर पहुंचेगा। उम्मीद है कि यह सिस्टम 9 अगस्त को तटीय क्षेत्रों को पार कर सकता है। इसके प्रभाव से देश के पूर्वी और मध्य भागों में मानसून के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। इसका प्रभाव भी गुजरात तक देखने को मिलेगा।
इससे पहले जुलाई में बंगाल की खाड़ी में एक भी सक्रिय मौसमी सिस्टम विकसित नहीं हुआ। लेकिन अगस्त काफी बेहतर नजर आ रहा है। उम्मीद है कि आगामी निम्न दबाव के पीछे ही एक नया मौसमी सिस्टम फिर से बंगाल की खाड़ी पर उभर सकता है। इस तरह से एक पखवाड़े के भीतर तीन मौसमी सिस्टमों की सौगात बंगाल की खाड़ी देने जा रहा है जिससे मानसून में सुधार की उम्मीद कर सकते हैं।
मानसून सीजन में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ बनने वाले यह यह सिस्टम ही मानसून की जीवन रेखा होते हैं जो अच्छी मानसून वर्षा में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए कह सकते हैं कि मानसून में ब्रेक की कंडीशन फिलहाल अगले कुछ दिनों तक देश पर नहीं दिखेगी।
मानसून के प्रदर्शन के आधार पर यह माना जा रहा है कि देश के कुछ इलाकों में हालात चिंताजनक हैं। देश में 1 जून से लेकर 5 अगस्त के बीच जहां औसतन 498.3 मिलीमीटर वर्षा होती है वहां एक फीसदी कम 492.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। देशभर के 21 फीसदी हिस्से में सामान्य से कम बारिश हुई है तथा प्रभावित राज्यों में गुजरात, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश तथा ओडिशा प्रमुख हैं।........... आर एस राणा
06 अगस्त 2020
मानसून सक्रिय होने की उम्मीद, गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश का अनुमान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें