आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश इंडोनेशिया अपने महत्वाकांक्षी बायोडीजल कार्यक्रम को सहारा के लिए पाम तेल पर निर्यात शुल्क बढ़ा सकता है। जानकारों के अनुसार अगले साल भी विश्व बाजार में कच्चे तेल में नरमी बने रहने की उम्मीद है।
इंडोनेशिया पाम तेल से बने बायो डीजल और खनिज डीजल की लागत के अंतर को पाटने और अपने बायोडीजल प्रोग्राम की फंडिंग के लिए पाम तेल के निर्यात पर लेवी वसूलता है। कच्चे तेल की कीमतें में आई गिरावट से दोनों ईंधनों के बीच कीमत का अंतर काफी बढ़ गया है और अगले साल भी बायो डीजल, खनिज डीजल से महंगा रहने की उम्मीद है।
इंडोनेशिया के वित्त मंत्रालय के राजकोषीय नीति कार्यालय के प्रमुख फिरीओ ककारिबू के अनुसार अगले साल भी बायोडीजल की कीमत खनिज डीजल के मुकाबले ज्यादा रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बायो डीजल के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पाम तेल निर्यात पर लेवी को बढ़ाना पड़ सकता है। हालांकि सरकार अभी इसके बारे में कोई विस्तृत व्यौरा नहीं देगी। इंडोनेशिया ने इस साल जून में क्रूड पाम तेल के निर्यात पर लेवी को बढ़ाकर 55 डॉलर प्रति टन किया था, इसके जरिए उसे 2.78 खरब रुपियाह की वित्तीय मदद मिलने का अनुमान है। ....... आर एस राणा
19 अगस्त 2020
इंडोनेशिया से आयातित पॉम तेल महंगा होने की आशंका
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