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13 अगस्त 2020

अप्रैल, मई में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 66 फीसदी घटा, उत्पादक राज्यों में बारिश का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों अप्रैल, मई में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 66 फीसदी घटकर केवल 28,586 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 83,828 टन का निर्यात हुआ था। प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में हालांकि बुआई कम हुई है, लेकिन गुजरात में आगे चल रही है तथा उत्पादक राज्यों में बारिश अच्छी हो रही है जिससे फसल को फायदा ही होगा, इसलिए ग्वार गम उतपादों में अभी बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में 14,291.36 टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ है, जबकि मई के दौरान लगभग बराबर ही 14,294.64 टन ग्वार गम का निर्यात हो पाया। मूल्य के हिसाब से अप्रैल-मई के दौरान लगभग 239.67 करोड़ रुपये का ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ है। हालांकि जानकारों का मानना है कि कई राज्यों में लाकडॉउन खुलने के कारण जुलाई में ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है तथा जुलाई में करीब 20 से 22 हजार टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में लगभग 50 हजार टन ग्वार गम उत्पादों का ​ही निर्यात हो पाया है जोकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही 1.16 लाख टन से आधे से भी कम है।
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में चालू सीजन में ग्वार सीड की बुआई 23.46 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 25.11 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। सामान्यत: राजस्थान में ग्वार सीड की बुआई 30 लाख हेक्टेयर में होती है। उधर गुजरात में चालू खरीफ में ग्वार सीड की बुआई बढ़कर 1.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 96,000 हेक्टेयर से ज्यादा है। गुजरात में ग्वार सीड की बुआई 1.60 लाख हेक्टेयर में होती है। जानकारों के अनुसार हरियाणा में भी ग्वार सीड की बुआई पिछले साल के लगभग बराबर ही हुई है।
भारतीय मौसम​ विभाग (आईएमडी) के अनुसार पिछले 48 घंटों में ग्वार सीड के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश अच्छी हुई है तथा अगले दो-तीन दिनों तक और बारिश का अनुमान है, जिससे फसल को फायदा ही होगा।...........  आर एस राणा

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