आर एस राणा
नई
दिल्ली। गेहूं के भारी भरकम स्टॉक को देखते हुए केंद्र सरकार ने कम चमक
वाले गेहूं की कीमतों में कटौती की है। पिछले सीजन में पंजाब और हरियाणा से
खरीदे गए कम चमक वाले गेहूं के दाम 12 फीसदी घटा दिए हैं, ओएमएसएस के तहत
बेचे जाने वाले गेहूं के भाव को घटाकर सरकार ने 1,840 रुपय प्रति क्विंटल
कर दिया है।
व्यापारियों के अनुसार कोरानेा वायरस के कारण गेहूं की
घरेलू मांग 30 फीसदी तक घटी है, जबकि होटल ओर रेस्टोरेंट की मांग तो 80
फीसदी तक घटी गई है। कोरोना के दौरान होटल-रेस्टोरेंट और कैटरिंग से गेहूं
की मांग लगभग खत्म हो गई है। गेहूं की मांग गिरने से कीमतों पर भारी दबाव
देखने को मिल रहा है, साथ ही अब एफसीआई भी सस्ते भाव में खुले बाजार में
गेहूं बेचेगी, इससे कीमतों पर और दबाव बनेगा। वैसे भी इस साल गेहूं का
उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर होने का अनुमान है जबकि सरकार सरकार भी गरीबों को
नवंबर तक फ्री में गेहूं देगी।
केंद्रीय पूल में पहली जून को 558.25 लाख
टन गेहूं का भारी स्टॉक मौजूदा था, जोकि तय मानकों पहली जुलाई के 245.80
लाख टन से दोगुने के करीब है। व्यापारियों के अनुसार कोरोना वायरस के कारण
ब्रेड की डिमांड में 10-20 फीसदी तक की गिरावट आई है। हालांकि, बिस्किट
डिमांड में इस समय जरुर 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन केंद्रीय पूल
में भारी स्टॉक से कीमतों पर दबाव बना रहेगा। वैसे भी उत्पादक राज्यों में
गेहूं का बकाया स्टॉक भी ज्यादा माना जा रहा है।.... आर एस राणा
11 अगस्त 2020
ओएमएसएस के तहत गेहूं के बिक्री भाव में कटौती, मंदा आने का अनुमान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें