आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में कपास की कीमतों में आए सुधार से जुलाई अंत तक 43 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं तथा अगस्त और सितंबर में करीब 7 लाख गांठ का और निर्यात होने का अनुमान है।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है जिससे कुल निर्यात चालू फसल सीजन में 50 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि आरंभिक अनुमान से तीन लाख गांठ ज्यादा है। कपास का आयात भी आरंभिक अनुमान 15 लाख गांठ से बढ़कर 16 लाख गांठ होने का अनुमान है।
जुलाई अंत तक 345.40 लाख गांठ की हो चुकी है आवक
सीएआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2019-20 में 354.50 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है तथा जुलाई अंत तक मंडियों में 345.40 लाख गांठ की आवक हो चुकी है। पिछले साल देश में 312 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में चालू सीजन में 92.50 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 84.50 लाख गांठ, तेलंगाना में 51 लाख गांठ, कर्नाटक में 21 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश 15.25 लाख गांठ, मध्य प्रदेश 17.50 लाख गांठ, तमिलनाडु पांच लाख गांठ तथा उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 63 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। इसके अलावा अन्य राज्यों 4.75 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
बकाया स्टॉक ज्यादा, बुआई भी बढ़ी
पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने नए कपास सीजन के समय बकाया स्टॉक 102.50 लाख गांठ बचने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 23.50 लाख गांठ से कई गुना ज्यादा है। चालू खरीफ में कपास की बुआई 3.20 फीसदी बढ़कर 125.48 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 121.58 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। सामान्यत: कपास की बुआई 120.97 लाख हेक्टेयर में होती है। अत: अगले साल भी कपास की कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।........ आर एस राणा
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