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31 अगस्त 2020

हरियाणा में कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप, कमजोर मांग से भाव में नरमी

आर एस राणा
नई दिल्ली। हरियाणा के हिसार और सिरसा जिलों में कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप देखा गया, जबकि मांग कमजोर होने के कारण हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में कपास की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेश और गुजरात की मंडियों में इसके भाव स्थिर बने रहे।
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि उनके विभाग के अधिकारी हिसार और सिरसा जैसे कपास उत्पादक जिलों में कपास की फसल पर सफेद मक्खी के हमलों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन के दौरान कपास की फसलों को सफेद मक्खी के हमले से बचाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है, जिसमें नीम के तेल के घोल आदि का उपयोग करना और कीटों की निगरानी करना शामिल है।
मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारी सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, जींद और भिवानी जिलों में सफेद मक्खी की घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं। इन जिलों की राज्य के कपास उत्पादन में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी है। दलाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू), हिसार के वैज्ञानिकों ने भी स्थिति का जायजा लेने और उपाय सुझाने के लिए विभिन्न जिलों में खेतों का दौरा किया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने राज्य में कपास की फसल के नुकसार से प्रभावित किसानों के लिए प्रति एकड़ कम से कम 30,000 रुपये के मुआवजे की मांग की है। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता ने मांग की कि इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिए, सरकार को बिना किसी और देरी के एक विशेष गिरदावरी (राजस्व सर्वेक्षण) करवाकर उनकी भरपाई करनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि किसानों ने कपास की अच्छी पैदावार लेने के लिए बीज आदि पर काफी खर्च किया लेकिन फसल तैयार होने से पहले ही इस बीमारी ने सब कुछ नष्ट कर दिया। ऐसी स्थिति में किसानों को उचित मुआवजा देना सरकार की जिम्मेदारी है।
यार्न मिलों की मांग में आई कमी के कारण मध्य प्रदेश, गुजरात में जहां कपास की कीमतें स्थिर बनी रही, वहीं उत्तर भारत की मंडियों में इसके भाव में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार उत्तर भारत की मंडियों में नई कपास की आवक शुरू हो गई है तथा आगे मौसम साफ रहने पर दैनिक आवक और बढ़ेगी। वैसे भी चालू खरीफ में उत्तर भारत के साथ ही गुजरात को छोड़ अन्य राज्यों में कपास की बुआई में बढ़ोतरी ही हुई है।....... आर एस राणा

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