आर एस राणा
नई दिल्ली। यार्न मिलों की मांग में कमी और भारी भरकम भंडार से जूझ रही सरकारी कंपनी कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) पड़ोसी देश बांग्लादेश को कपास निर्यात करने की तैयारी में है। कंपनी बांग्लादेश को करीब 15-20 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का निर्यात कर सकती है, जिसमें से 5-7 लाख गांठ इसी सीजन यानि 30 सितंबर से पहले होने की उम्मीद है। बाकी कपास का निर्यात नए सीजन में करने की तैयारी है।
सीसीआई के सीएमडी प्रदीप कुमार अग्रवाल के मुताबिक कंपनी के रिकॉर्ड भंडार से पड़ोसी देशों को कपास बेचने के योजना है। आमतौर पर कंपनी किसानों से खरीदने के बाद घरेलू कपड़ा मिलों और धागा मिलों को ही की कॉटन बेचती आई है, लेकिन चालू सीजन में रिकार्ड खरीद 100 लाख गांठ से ज्यादा हुई है जबकि कोरोना वायरस के कारण पिछले तीन-चार महीने मांग काफी कमजोर रही।
सूत्रों के अनुसार भारत सरकार और बांग्लादेश ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन कीमतों पर विचार कर रहे हैं। जिस पर जल्द सहमति बनने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि भारत के इस कदम से आने वाले दिनों में विश्व बाजार में कपास की कीमतों पर फिर से दबाव बन सकता है तथा ऐसी स्थिति में अमेरिका और ब्राजील का भंडार बढ़ने का अनुमान है। वैसे भी भारतीय कपास विश्व बाजार में अभी भी सबसे सस्ती है। कोरोना काल में मांग में आई कमी की वजह से ग्लोबल मार्केट में कपास का दाम करीब 8-10 फीसदी तक घट चुके है। हालांकि प्रदीप कुमार अग्रवाल का कहना है कि घरेलू बाजार से नीचे के भाव पर निर्यात नहीं किया जाएगा।
कॉटन एसोसिशन ऑफ इंडिया के मुताबिक इस साल लॉकडाउन और लोगों खरीद क्षमता में आई कमी की वजह से कपास की खपत पिछले साल के मुकाबले करीब 20 फीसदी कम रहने का अनुमान है। ऐसे में इस साल कपास का रिकॉर्ड 102.5 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचेगा, जोकि पिछले साल के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। सीसीआई ने इस साल किसानों से करीब 105 लाख गांठ कपास खरीदी थी। जिसमें से डिस्काउंट स्कीम के तहत अब तक करीब 25 लाख गांठ कपास बेची गई है। ................. आर एस राणा
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