आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में कपास की कीमतों में सुधार बना हुआ है, जिस कारण कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने भी कपास के बिक्री भाव 500 से 700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) तक भाव बढ़ा दिए हैं। उत्तर भारत के राज्यों में बारिश से नई फसल की आवक में देरी की आशंका है, इसलिए सीसीआई मौजूदा कीमतों में और भी तेजी कर सकती है।
सीसीआई ने सोमवार को पूरे देश में एक समान 300 रुपये प्रति कैंडी दाम बढ़ाने के साथ आज दक्षिण भारत को छोड़कर कमोवेश पूरे देश में कपास के बिक्री भाव में 200 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की है। दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना समेत अन्य केंद्रों पर कंपनी ने 100 रुपये की बढ़ोतरी की है। सीसीआई कपास के बंपर स्टॉक को कम करने के लिए 300 से 1,500 रुपये प्रति कैंडी की छूट देकर बिक्री कर रही है। स्कीम के तहत 18 अगस्त को निगम ने अदिलाबाद में 27-30 एमएम कपास 36,200-37,700 रुपये, वारंगल में 28-30 एमएम कपास 36,600-37,700 रुपये, कर्नाटक के हुबली 28-30 एमएम कपास 36,200-37,700 रुपये प्रति कैंडी बेची। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 28-30 एमएम कपास 36,200-37,700 रुपये, मध्य प्रदेश के इंदौर में 27-30 एमएम कपास 36,200-38,600 रुपये, गुजरात के राजकोट में 28.5 एमएम कपास 35,800-36,800 रुपए और अहमदाबाद में 24+-28.5 एमएम कपास 35,200-36,800 रुपए प्रति कंडी के भाव पर बेची। उत्तर भारत में पंजाब के भटिंडा और हरियाणा के सिरसा में 27-28 एमएम कपास 36,200-36,600 रुपये और राजस्थान के भीलवाड़ा में 36,400-36,800 रुपये प्रति कंडी के भाव बेची।
सीसीआई के बिक्री भाव से तेजी, मंदी
सूत्रों के अनुसार उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक नहीं के बराबर हो रही है जबकि उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बारिश हो रही है जिस कारण नई फसल की आवक में देरी होने की आशंका है। यार्न मिलों की मांग में भी हल्का सुधार आया है इसीलिए सीसीआई ने कीमतों में बढ़ोतरी की है, तथा आगामी दिनों में भाव में और भी सुधार आने का अनुमान है क्योंकि अभी भी कपास के दाम घरेलू मंडियों में पिछले साल की तुलना में 15 से 18 फीसदी तक नीचे बने हुए हैं। पिछले साल अहमदाबाद में अगस्त मध्य में शंकर—6 किस्म की कपास का भाव 42,000-45,000 रुपये प्रति कैंडी था।
उत्पादन अनुमान में उद्योग ने की बढ़ोतरी
उद्योग ने चालू सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को बढ़ाकर 354.50 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कर दिया है जबकि पिछले साल देश में 312 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन की वजह से इस साल देश के साथ विश्व बाजार में कपास की मांग में भारी कमी आई है। जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा। सीसीआई ने चालू सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक करोड़ गांठ कपास की खरीद की, इसके अलावा महाराष्ट्र में भी राज्य सरकार ने खरीद की। सीसीआई इस समय डिस्काउंट देकर कपास की बिक्री कर रही है क्योंकि पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए सीजन में भी कपास का बंपर उत्पादन अनुमान है, जबकि उस समय कपास का बकाया स्टॉक भी 100 लाख गांठ से ज्यादा बचेगा जोकि पिछले साल के बकाया स्टॉक से चार गुना से भी ज्यादा है। इसलिए सीसीआई को अगले फसल सीजन में एमएसपी पर ज्यादा कपास की खरीद करनी पड़ेगी।
बुआई में हुई बढ़ोतरी
चालू खरीफ में कपास की बुआई 3.20 फीसदी बढ़कर 125.48 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 121.58 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। सामान्यत: कपास की बुआई 120.97 लाख हेक्टेयर में होती है। अत: अगले साल भी कपास की कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।............ आर एस राणा
18 अगस्त 2020
सीसीआई ने कपास के बिक्री भाव बढ़ाये, घरेलू बाजार में और बढ़ेंगे दाम
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