01 अक्तूबर 2012
तेजी से बढ़ रही हैं आटे की कीमतें
देश भर में आटे की बढ़ती कीमतों के देखते हुए सरकार ने थोक उपभोक्ताओं व आटा मिल मालिकों को अतिरिक्त 70 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। गेहूं की यह मात्रा पहले ही खुदरा बाजार में बिक्री के लिए आवंटित 30 लाख टन के अतिरिक्त होगा। गेहूं की बिक्री हर महीने करीब 20-25 लाख टन के छोटे लॉट में होगी और इसमें बिना बिके माल को अगले महीने ले जाने (कैरी फॉरवर्ड) का विकल्प होगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अतिरिक्त 70 लाख टन गेहूं जारी करने के तौर-तरीके को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो इस साल खुले बाजार में सरकार की तरफ से जारी होने वाली गेहूं की मात्रा 1 करोड़ टन हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस कदम से न सिर्फ चावल खरीद के लिए जगह बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि घरेलू खपत के लिए उपलब्ध गेहूं का कारोबारी निर्यात न कर सके। 1 सितंबर को देश में 462 लाख टन गेहूं का स्टॉक था, जो जरूरत के मुकाबले 230 फीसदी ज्यादा है।
कुल खाद्यान्न का भंडार (चावल व मोटे अनाज समेत) 719 लाख टन होने का अनुमान है, जो 212 लाख टन की जरूरत के मुकाबले काफी ज्यादा है। थोक उपभोक्ताओं व आटा मिलों को आंवंटित 30 लाख टन में से 23 लाख टन गेहूं जारी किया जा चुका है। अधिकारियों ने कहा कि आगामी हफ्तों में गेहूं की और मात्रा जारी की जाएगी।
बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार 1285 रुपये प्रति क्विंटल (कर अतिरिक्त) पर गेहूं उत्पादक राज्यों में इसकी बिक्री कर सकती है जबकि गैर-उत्पादक राज्यों में गेहूं की कीमत 1285 रुपये प्रति क्विंटल और मालभाड़ा होगी। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य साल 2012-13 के फसल विपणन सीजन के लिए 1285 रुपये प्रति क्विंटल है। शुक्रवार को खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री के वी थॉमस ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के लिए गेहूं कारोबारी व आटा मिलों के बीच सांठगांठ को जिम्मेदार ठहराया था। कोच्चि में एक कार्यक्रम के बाद थॉमस ने संवाददाताओं से कहा था, जब मैं सब्सिडी वाली दरों पर आटा मिलों को गेहूं उपलब्ध करा रहा हूं तो फिर उन्हें आटे की कीमत घटानी चाहिए। क्या उन्होंने कीमतें कम की है? उन्होंने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने सांठगांठ की है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक, खुदरा बाजार में गेहूं के आटे की कीमतें पिछले महीने औसतन 2-4 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ी हैं। नागपुर व पोर्ट ब्लेयर में इसकी कीमतेंं सबसे ज्यादा बढ़ी हैं, जहां महज एक महीने में कीमतें 6 रुपये से 7 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ी हैं।
पिछले तीन महीने में आटे की कीमतों में देश भर मेंं 5-15 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा हुआ है। ऐसा तब हुआ है जब 2011-12 मेंं देश में रिकॉर्ड 940 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। (BS Hindi)
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