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12 अक्टूबर 2012

खुदरा विक्रेता से सूचना मिलने के बाद ही जारी होगी उर्वरक सब्सिडी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने गुरुवार को एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसके तहत उर्वरक विनिर्माताओं और विपणन करने वालों को सब्सिडी तभी दी जाएगी जब खुदरा विक्रेताओं से इस बाबत सूचना हासिल हो जाएगी। इस तरह की जानकारी मोबाइल पर मुहैया कराने की खातिर खुदरा विक्रेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए यूरिया की कीमतें सरकार ने 50 रुपये प्रति टन बढ़ा दी है। हालांकि शुरुआत में इस पर कुछ भ्रम था, जब मीडिया में खबर आई कि सरकार खुदरा विक्रेताओं को सीधे सब्सिडी का हस्तांतरण करेगी। खुदरा विक्रेताओं को सीधे सब्सिडी हस्तांतरण की खबर से उर्वरक उत्पादक कंपनियों के शेयरों में 5 फीसदी तक की उछाल दर्ज की गई। बाद में सरकार ने स्पष्ट किया कि उर्वरक निगरानी व्यवस्था से खुदरा विक्रेताओं को महज जोडऩे के लिए यूरिया की कीमतें बढ़ाई गई है। रसायन व उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, उर्वरक विनिर्माताओं और इसका विपणन करने वालों को सब्सिडी का भुगतान जारी रहेगा। उर्वरक निगरानी व्यवस्था का लक्ष्य औद्योगिक इस्तेमाल के लिए यूरिया का स्थानांतरण और इसकी तस्करी को रोकना है। यह व्यवस्था अंतत: किसानों को सीधे सब्सिडी हस्तांतरण के लिए बनाई गई है। सीसीईए ने 10 जिलों में किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता संख्या व आधार नंबर के आधार पर किसानों को बेचे जाने वाले उर्वरक पर नजर रखने के लिए एक पायलट परियोजना को मंजूरी दी है, जो इस साल के अंत तक होगा। (BS Hindi)

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