31 अक्तूबर 2012
कमोडिटी फ्यूचर के लिए छवि बदलना आवश्यक : थॉमस
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री केवी थॉमस ने कहा है कि देश में कमोडिटी फ्यूचर बाजार की परिपक्वता का मानदंड केवल इसके द्वारा किए गए कारोबार की मात्रा ही नहीं है बल्कि कार्य क्षमता, प्राइस डिस्कवरी और प्राइस रिस्क मैनेजमेंट आदि कुछ दूसरे तथ्य भी इसमें शामिल हैं। एक समारोह में बोलते हुए केवी थॉमस ने कहा कि कमोडिटी फ्यूचर बाजार को खाद्य कमोडिटीज की कीमतों में सट्टेबाजी और कृत्रिम महंगाई के लिए जाना जाता है और बाजार के सामने अपनी इस छवि को बदलना बड़ी चुनौती है।
थॉमस ने कहा कि अगर बाजार अपनी इस छवि को बदलने में कामयाब रहता है तो वह किसानों को भी इसमें भागीदारी निभाने के लिए आकर्षित कर सकता है। साथ ही स्टॉक एक्सचेंजों के ब्रोकर्स से अलग ग्राहक भी इस बाजार को मिल जाएंगे। इस अवसर पर उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि जहां तक बाजार के नियमन की बात है तो नियंत्रक का काम बाजार में ईमानदारी को स्थापित करना और बढ़ाना होता है और इससे बाजार में पारदर्शिता आती है।
एफएमसी के अध्यक्ष रमेश अभिषेक ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि कमोडिटी फ्यूचर में निवेशकों के हितों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कमोडिटी बाजार में वित्तीय पारदर्शिता बढऩे से एक तरफ जहां बाजार ज्यादा सुरक्षित होता है वहीं दूसरी तरफ इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा भी होती है। उन्होंने कि पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देकर ही बाजार के साथ ज्यादा लोगों को भागीदार बनाया जा सकता है जिसमें किसान और दूसरे निवेशक शामिल हैं। (Business Bhaskar)
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