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09 अक्टूबर 2012

बीज की मांग निकलने से रुकेगी जौ की गिरावट

माल्ट निर्माताओं के साथ ही पशु आहार निर्माताओं की कमजोर मांग से जौ की हाजिर और वायदा कीमतों में गिरावट बनी हुई है। वायदा बाजार में पहली सितंबर से अभी तक इसकी कीमतों में दस फीसदी की गिरावट आ चुकी है। हाजिर बाजार में इस दौरान भाव 150 रुपये घटकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। लेकिन चालू महीने में जौ में बीज के लिए मांग शुरू हो जाएगी जिसकी वजह से भाव में चल रही गिरावट रुकने की उम्मीद है। इम्पीरियल माल्टोस लिमिटेड के डायरेक्टर संजय यादव ने बताया कि माल्ट कंपनियों ने नई फसल के समय ज्यादा स्टॉक कर लिया था। साथ ही, यूबी ग्रुप और बार माल्ट ने जुलाई-अगस्त में जौ का आयात भी किया था। जिसकी वजह से माल्ट कंपनियों ने जौ की खरीद कम कर दी है। इसीलिए कीमतों में गिरावट आई है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में करीब 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। गिरराज ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के मैनेजर एस. शर्मा ने बताया कि चालू महीने में जौ में बीज की मांग निकलनी शुरू हो जाएगी। जिससे कीमतों में चल रही गिरावट रुकने की संभावना है। उन्होंने बताया कि नई फसल के समय स्टॉकिस्टों की खरीद से दाम बढ़कर उत्पादक मंडियों में 1,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हो गए थे लेकिन पूरे सीजन ही माल्ट कंपनियों की मांग अन्य सालों की तुलना में कम रही, जिसकी वजह से भाव में गिरावट आई है। चालू सीजन में जौ के स्टॉकिस्टों को भारी घाटा उठाना पड़ा है। ऐसे में आगामी सीजन में स्टॉकिस्टों की खरीद कम रहने की आशंका है। एनसीडीईएक्स पर नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में पहली सितंबर से अभी तक 9.9 फीसदी की गिरावट आई है। पहली सितंबर को नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में जौ का भाव 1,355 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को भाव घटकर 1,220 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में जौ का उत्पादन 16.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2010-11 में उत्पादन 16.6 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar...R S Rana)

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