31 अक्टूबर 2012
मूंगफली उत्पादन घटने के आसार
खरीफ सीजन में गुजरात के प्रमुख मूंगफली उत्पादक बारिश की कमी से साल 2012-13 में इसका उत्पादन घटेगा। उद्योग के विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि देश में मूंगफली का कुल उत्पादन करीब 40 फीसदी घटने की संभावना है और यह साल 2011-12 के खरीफ सीजन के 41.7 लाख टन के मुकाबले खरीफ सीजन 2012-13 में घटकर 25 लाख टन रह जाएगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में इस साल सिर्फ 6.95 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होगा जबकि 2011-12 में 17.35 लाख टन मूंगफली का उत्पादन हुआ था। इस तरह राज्य में उत्पादन में करीब 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की जाएगी।
सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर ऑयल ऐंड ट्रेड (सीओओआईटी) के उपाध्यक्ष अशोक सेतिया ने कहा, गुजरात में सौराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक इलाकों व कर्नाटक के कुछ इलाकों में उत्पादन तेजी से घटा है। आंध्र प्रदेश में हालांकि बुआई स्थिर रही है, लेकिन साल 2012-13 में उत्पादन में गिरावट की आशंका है। देश में मूंगफली का कुल उत्पादन करीब 40 फीसदी घटने की संभावना है। एसईए के खरीफ में मूंगफली उत्पादन अनुमान 2012 (गुजरात) के मुताबिक, गुजरात सरकार ने 2012-13 में मूंगफली का कुल रकबा 12.2 लाख हेक्टेयर रहने की बात कही है। हालांकि बारिश में कमी के चलते मूंगफली की कटाई 25 फीसदी कम रकबे यानी 9.16 लाख हेक्टेयर में हुई है। इसके परिणामस्वरूप मूंगफली का उत्पादन घटकर 6.95 लाख टन रहने की संभावना है।
बारत में मूंगफली का कुल रकबा खरीफ 2011-12 के 43.2 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 39 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। गुजरात के बाद आंध्र प्रदेश मूंगफली की बुआई के मामले में दूसरा सबसे बड़ा राजज्य है और यहां करीब 10 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की बुआई होती है।
राजकोट में खाद्य तेल के विशेषज्ञ गोविंदभाई पटेल ने मूंगफली तेल की कीमतों में तीव्र बढ़ोतरी की संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, कुल उपभोग में मूंगफली की हिस्सेदारी महज 1 फीसदी है। (BS Hindi)
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