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09 अक्टूबर 2012

पिछली सर्दी लंबी खिंचने से अखरोट उत्पादन पर असर

इस साल उत्पादन 12.5 फीसदी घटकर 35,000 टन रहने का अनुमान : यूएसडीए भारत में इस साल अखरोट का उत्पादन 12.5 फीसदी घटकर 35,000 टन (छिल्का समेत) रहने का अनुमान है। इस साल प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कश्मीर में फूल लगने के समय सर्दी ज्यादा रहने के कारण उत्पादन प्रभावित होगा। सर्दियां लंबी खिंचने के कारण अप्रैल से मई के बीच फूल का विकास प्रभावित हुआ। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कश्मीर घाटी में हुई ताजा बारिश से अखरोट का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। लेकिन इससे क्वालिटी पर कुछ असर जरूर पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार इस साल उत्पादन 35,000 टन के आसपास रहने का अनुमान है। आमतौर पर अखरोट की कटाई मुख्य रूप से अगस्त से सितंबर तक होती है। लेकिन इस साल कटाई लंबी खिंचकर मौजूदा अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी। बाजार में आवक का दबाव इस माह के अंत में दिखाई देगा। भारत में अखरोट का उत्पादन मुख्य रूप से जम्मू व कश्मीर के पहाड़ी में होता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में भी इसका उत्पादन होता है। मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान भारत में करीब 22,000 टन अखरोट की खपत होने का अनुमान है। भारत से करीब 32 फीसदी अखरोट निर्यात के लिए उपलब्ध था। लेकिन चालू मार्केटिंग वर्ष 2012-13 के दौरान भारत में 25,000 टन अखरोट की खपत रहने का अनुमान है। इसमें से करीब 40-50 फीसदी माल की बिक्री दिवाली के त्योहारी सीजन में होती है। (Business Bhaskar)

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