16 अक्तूबर 2012
लाल मिर्च की कीमतों में तेजी के संकेत
मध्य प्रदेश की उत्पादक मंडियों में लाल मिर्च की आवक शुरू होने के बावजूद इसकी कीमतों में फिलहाल तेजी जारी रहने की संभावना है। आंध्र प्रदेश में चालू सीजन में लाल मिर्च का रकबे 40 फीसदी तक कम रहने के संकेतों से कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
कारोबारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में अन्य मसालों के साथ लाल मिर्च की मांग भी तेज रहने के संकेत हैं जिससे कीमतों पर अभी मध्य प्रदेश की मंडियों में लाल मिर्च की आवक का असर कम ही देखने को मिलेगा।
कारोबारियों के मुताबिक मई-जून के दौरान लाल मिर्च के भाव 3,500- 4,000 रुपये के निचले स्तर पर आ गए थे। लेकिन पिछले दो माह से उत्पादन कम रहने की संभावना से कीमतों में सुधार दर्ज किया जा रहा है। हालांकि, मध्य प्रदेश की आवक शुरू होने के कारण पिछले दस-पंद्रह दिन में गुंटूर में लाल मिर्च की कीमतें कम 100-200 रुपये प्रति क्विंटल कम हुई हैं।
कारोबारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में लाल मिर्च की बिक्री बढऩे से भी कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। कीमतें फिर से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच सकती हैं।
गुंटूर स्थित लाल मिर्च के थोक कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि अक्टूबर के अंत तक उत्पादन की सही स्थिति का पता चलेगा। हालांकि, रकबे में कमी को देखते हुए बाजार में तेजी का रुख जारी रहने के संकेत हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू सीजन में आंध्र प्रदेश में अब तक लाल मिर्च की बुवाई 40 फीसदी कम क्षेत्र में की गई है।
निर्यात मांग में तेजी के कारण भी कीमतों में उछाल दर्ज किया जा रहा है। भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले महीने अप्रैल में ही लाल मिर्च के निर्यात में 131 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान 30,000 टन लाल मिर्च का निर्यात किया गया। जबकि अप्रैल 2011 में 12,963 टन लाल मिर्च का निर्यात किया गया था।
दिल्ली के कारोबारी राजीव अग्रवाल ने बताया कि मांग में सुधार होने पर लाल मिर्च के भावों में तेजी जारी रहने की संभावना है। मध्य प्रदेश की आवक के कारण कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा था। लेकिन त्योहारी सीजन की बिक्री बढऩे आंध्र प्रदेश में उत्पादन घटने की संभावना से कीमतें फिर से सुधर सकती हैं। (Business Bhaskar)
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