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09 अक्टूबर 2012

खाद्यान्न उत्पादन हो सकता है कम : पवार

कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2012-13 में पिछले वर्ष के 25 करोड़ 74.4 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन से कम रहेगा लेकिन अनाज की उपलब्धता घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी। आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में अनुमानित गिरावट को चालू रबी सत्र के उत्पादन से पाटने की कोशिश करेगी। पवार से जब पूछा गया कि फसल वर्ष 2012-13 (जुलाई से जून) में कुल खाद्यान्न उत्पादन कितना होगा इस पर उन्होंने कहा, 'इस वर्ष उत्पादन निश्चित तौर पर पिछले वर्ष से कम रहेगा। पिछला वर्ष एक खास वर्ष था, हमारे यहां रिकॉर्ड उत्पादन हुआ।' हालांकि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष देश के कुछ भागों में असमान और देर से आए मानसून के कारण उन्हें खाद्यान्न उत्पादन में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। पिछले महीने कृषि मंत्रालय ने कमजोर बरसात तथा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के 360 से भी अधिक तालुकों में सूखे की स्थिति के कारण खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 11 करोड़ 71.8 लाख टन रहने का अनुमान व्यक्त किया था। पवार ने कहा, 'अगस्त और सितंबर में बेहतर बरसात ने हमें आगे बेहतर रबी सत्र होने का अवसर प्रदान किया है। मिट्टी में नमी की स्थिति तुलनात्मक ढंग से बेहतर है और इसलिए हम खरीफ फसल में होने वाली कमी की भरपाई रबी फसल से कर सकने में सफल होंगे।' उन्होंने कहा कि जून-जुलाई में मानसूनी बरसात की जो कमी 29 प्रतिशत के लगभग थी वह अब घटकर छह प्रतिशत रह गई है। पवार ने कहा कि देश में खाद्यान्न स्टॉक की उपलब्धता में कोई समस्या नहीं होगी और वास्तव में देश में पास निर्यात के लिए भी अधिशेष स्टॉक है। अपने भाषण में पवार ने कहा, 'कृषि मंत्री के रूप में यह मेरे लिए निश्चित तौर पर गर्व का विषय है। लगातार दो वर्षो तक खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। हम एक करोड़ टन चावल और 25-25 लाख टन गेहूं और चीनी का निर्यात करने में सफल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि देश के पास खाद्यान्न का जो बफर स्टॉक करीब 2.12 करोड़ टन होना चाहिए उसकी जगह सरकार के पास केन्द्रीय पुल में करीब सात करोड़ टन का खाद्यान्न भंडार है। (BS Hindi)

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