08 अक्टूबर 2012
ग्वार के वायदा कारोबार पर फैसला 16 अक्टूबर को
कमोडिटी मार्केट रेग्युलेटर फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने कहा है कि ग्वार गम और ग्वार सीड का वायदा कारोबार शुरू करने की अनुमति देने पर फैसला 16 अक्टूबर को करेगा। एफएमसी ने कई गुना तेजी आने के बाद इस साल मार्च में ग्वार के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। ग्वार गम का ज्यादातर इस्तेमाल क्रूड ऑयल निकालने में किया जाता है। इसके अलावा ग्वार गम फूड प्रोसेसिंग व दूसरे उद्योगों में भी इस्तेमाल होता है।
पिछले साल से ग्वार गम के मूल्य में जबर्दस्त उठापटक आ रही थी। अंतत: मार्च में अत्यधिक उथल-पुथल को देखते हुए इसके वायदा कारोबार पर रोक लगाई थी। एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने बताया कि ग्वार गम का वायदा कारोबार शुरू करने के बारे में फैसला एडवायजरी कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। कमेटी की पहली बैठक 16 अक्टूबर को होगी।
एफएमसी प्रमुख की अगुवाई वाली इस कमेटी में 40 सदस्य हैं। इन सदस्यों में वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेग्युलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए), सेबी, कमोडिटी एक्सचेंजों के प्रमोटर, किसान, सहकारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं। अभिषेक ने बताया कि इस बैठक में ग्वार वायदा कारोबार शुरू करने के बारे में फैसले के अलावा एक्सचेंजों में सट्टेबाजी रोकने और हेजिंग का वॉल्यूम बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा होगी।
चावल, अरहर व उड़द के वायदा कारोबार पर लगा प्रतिबंध हटाए जाने की संभावना के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि इन तीनों कमोडिटी का वायदा कारोबार रोका गया था। इस प्रतिबंध को हटाने के बारे में अभी कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है। भारी तेजी आने के कारण चावल, अरहर और उड़द के वायदा कारोबार पर 2007 में प्रतिबंध लगाया गया था।
एनसीडीईएक्स ने एफएमसी से ग्वार के वायदा कारोबार पर रोक हटाने का अनुरोध किया है। ग्वार सीड से ग्वार गम निकाला जाता है। इस साल देश में 10 लाख टन ग्वार सीड का उत्पादन होने का अनुमान है। कमोडिटी एक्सचेंजों के घटते कारोबार पर अभिषेक ने कहा कि कारोबार के क्वालिटी को लेकर ज्यादा चिंता है। पिछले कुछ महीनों में बुलियन फ्यूचर का कारोबार घटा है। लेकिन बेस मेटल्स और एग्री कमोडिटी के कारोबार में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
(Business Bhaskar)
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