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08 अक्टूबर 2012

फ्लोर मिलों को 70 लाख टन और गेहूं के आवंटन की तैयारी

आर. एस. राणा नई दिल्ली आटा, मैदा व सूजी की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य मंत्रालय ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत रोलर फ्लोर मिलों को 70 लाख टन गेहूं का आवंटित करने की योजना बनाई है। इससे गेहूं उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही गोदामों में भी खाद्यान्न रखने की जगह बनेगी। इस गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,285 रुपये प्रति क्विंटल में 100 फीसदी परिवहन खर्च (राज्य की राजधानी तक का) जोड़कर तय की गई न्यूनतम कीमत पर नीलामी के जरिये होगी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गेहूं उत्पादों आटा और मैदा की कीमतों में आई तेजी रोकने के लिए 70 लाख टन गेहूं का आवंटन ओएमएसएस स्कीम के तहत करने की योजना है। इस पर फैसला आर्थिक मामलों पर गठित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) को करना है। उन्होंने बताया कि इससे गेहूं उत्पादों की कीमतों में तो कमी आएगी, ही साथ में सरकारी गोदामों में खरीफ विपणन सीजन में खरीदे जाने वाले चावल को भंडारण करने में भी आसानी होगी। ओएमएसएस के तहत गेहूं की निविदा भरने का न्यूनतम भाव दिल्ली में 1,328 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि दिल्ली बाजार में खुले में गेहूं का दाम 1,520-1,530 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। हरियाणा में निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,445 रुपये, पंजाब में 1,483 रुपये, राजस्थान में 1,358 रुपये तथा उत्तर प्रदेश में 1,403 रुपये प्रति क्विंटल होगा। सरकार द्वारा हाल ही में माल गाड़ी से खाद्यान्नों की ढुलाई पर 3.5 फीसदी सर्विस टैक्स लगाने से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने भी गेहूं के बिक्री भाव में संशोधन कर दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 19 जून को ओएमएसएस के तहत 30 लाख टन गेहूं की बिक्री करने का फैसला किया था। जबकि तीन लाख टन गेहूं इस स्कीम के तहत पुराने आवंटन का बचा हुआ था। ऐसे में कुल 33 लाख टन गेहूं में 26 लाख टन गेहूं का आंवटन जुलाई से सितंबर के दौरान किया जा चुका है। बाकी बचे हुए 7 लाख टन का आवंटन भी हो चुका है जिसके लिए एफसीआई जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि नई फसल तक गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए मार्च 2013 तक हर महीने ओएमएसएस के तहत आंवटन किया जाएगा। केंद्रीय पूल में पहली सितंबर को 717.53 लाख टन रिकार्ड खाद्यान्न का स्टॉक जमा है। इसमें 461.60 लाख टन गेहूं और 255.93 लाख टन चावल है। सरकार के पास खाद्यान्न की कुल भंडारण क्षमता (राज्यों को मिलाकर) करीब 714 लाख टन है इसीलिए केंद्र सरकार अतिरिक्त आवंटन कर गेहूं के उठाव में तेजी लाना चाहती है। वैसे भी पहली अक्टूबर से धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू हो चुकी है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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