01 अक्टूबर 2012
वैश्विक गेहूं उत्पादन के अनुमान में और कटौती
गेहूं की तेजी का असर - वैश्विक स्तर पर गेहूं की खपत घटकर 6790 लाख टन रहने की संभावना है। पिछले साल 2011-12 में गेहूं की खपत 6910 लाख टन रही थी। इस साल विश्व बाजार में दाम ज्यादा होने के कारण मांग सीमित रहने की संभावना है।
वैश्विक स्तर पर गेहूं के उत्पादन में पिछले अनुमान के मुकाबले और कमी आने की आशंका है। इंटरनेशनल ग्रेन काउंसिल (आईजीसी) ने वर्ष 2012-13 में गेहूं उत्पादन का अनुमान और घटाकर 6570 लाख टन कर दिया है। रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में पैदावार घटने के कारण गेहूं का कुल उत्पादन घटने का अनुमान है।
लंदन स्थित इस संगठन ने पिछले माह गेहूं उत्पादन का अनुमान घटाकर 6620 लाख टन तय किया था। पिछले साल 2011-12 के दौरान वैश्विक स्तर पर गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 6960 लाख टन के स्तर पर रहा था। आईजीसी ने अनाज के उत्पादन पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि गेहूं उत्पादन अनुमान 50 लाख टन घटाकर अब 6570 लाख टन तय किया गया है। यह उत्पादन पिछले साल के उत्पादन 6960 लाख टन के मुकाबले करीब छह फीसदी कम होगा।
रिपोर्ट के अनुसार रूस और ऑस्ट्रेलिया के गेहूं उत्पादन अनुमान में कटौती की गई है। इसके अलावा यूरोप में भी पैदावार कम करने के आसार हैं। इस वजह से कुल वैश्विक उत्पादन घट सकता है। चीन और भारत दुनिया के शीर्ष उत्पादक देश हैं। फसल वर्ष हर देश में अलग-अलग होता है।
भारत में फसल वर्ष 2012-13 के लिए गेहूं की बुवाई अगले महीने शुरू होगी और इसकी कटाई अगले साल अप्रैल मे शुरू होगी। वैश्विक स्तर पर गेहूं की खपत घटकर 6790 लाख टन रहने की संभावना है। पिछले साल 2011-12 में गेहूं की खपत 6910 लाख टन रही थी। इस साल विश्व बाजार में दाम ज्यादा होने के कारण मांग सीमित रहने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार गेहूं का वैश्विक कारोबार घटकर 1320 लाख टन रहने की संभावना है। पिछले साल 1450 लाख टन गेहंू का वैश्विक कारोबार हुआ था। आईजीसी के अनुसार गेहूं का बकाया स्टॉक 1970 लाख टन से घटकर 1750 लाख टन रहने की संभावना है। इस साल दाम ज्यादा होने के कारण निर्यातक देशों के पास स्टॉक कम बचा है। काला सागर क्षेत्र से सप्लाई कम रहने की आशंका और ऑस्ट्रेलिया में सूखे का मौसम रहने से गेहूं के मूल्य में तेजी आ रही है।
(Business Bhaskar)
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