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04 अक्तूबर 2012

भारी स्टॉक व सुस्त निर्यात से केस्टर सीड में गिरावट

दिवाली तक भाव में गिरावट का दौर जारी रहने की संभावना चालू खरीफ में मानसून की बेरुखी से केस्टर सीड की बुवाई में 12.1 फीसदी की कमी आई है लेकिन उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है। साथ ही केस्टर तेल में निर्यात मांग कमजोर है जबकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। ऐसे में केस्टर सीड और तेल में गिरावट आ रही है। जयंत एग्रो ऑर्गेनिक लिमिटेड कार्यकारी निदेशक वामन भाई ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू खरीफ में मानसूनी बारिश सामान्य से कम हुई है जिसका असर केस्टर सीड की बुवाई पर पड़ा है। नए सीजन में केस्टर सीड की पैदावार में तो कमी आएगी, लेकिन उत्पादक राज्यों में पुराना स्टॉक करीब पांच लाख टन का बचा हुआ है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड और तेल की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। दीवाली तक कीमतों पर दबाव बना रह सकता है लेकिन दीवाली बाद दाम बढऩे की संभावना है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई 10.49 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 11.94 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में इसकी बुवाई चालू खरीफ में 6.55 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल 7.37 लाख हैक्टेयर में हुई थी। चालू महीने के मध्य तक आंध्र प्रदेश में केस्टर सीड की नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी लेकिन आंध्र प्रदेश में उत्पादन कम होता है। केस्टर तेल के निर्यातक भरत भाई ने बताया कि चालू वर्ष में जनवरी से अभी तक करीब 3.5 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले कैलेंडर वर्ष में कुल निर्यात 4.15 लाख टन का हुआ था। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष में निर्यात पिछले साल की तुलना में घटने की संभावना है। निर्यात मांग कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में केस्टर तेल का भाव घटकर 1,375-1,400 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि जुलाई-अगस्त में इसका भाव 1,600 से 1,650 डॉलर प्रति टन था। एनसीडीईएक्स पर नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में केस्टर सीड की कीमतों में पिछले 12 दिनों में 6.5 फीसदी की गिरावट आई है। 20 सितंबर को नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में इसका भाव 3,842 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि एक अक्टूबर को भाव घटकर 3,590 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। केस्टर सीड कारोबारी रोनक भाई ने बताया कि गुजरात की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक घटकर 10 से 15 हजार बोरी (एक बोरी-75 किलो) की रह गई है लेकिन मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों के पास बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसीलिए मांग भी कमजोर है। उत्पादक मंडी में केस्टर सीड के दाम घटकर 700 रुपये प्रति 20 किलो रह गए हैं जबकि केस्टर तेल का भाव 720 से 725 रुपये प्रति दस किलो रह गया है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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