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01 अक्तूबर 2012

चीनी मिलों की वित्तीय सेहत में होगा सुधार

मौजूदा चीनी सीजन की चौथी तिमाही के दौरान बिक्री से मिलने वाली रकम में करीब 17 फीसदी की बढ़ोतरी और आगामी चीनी सीजन में कम उत्पादन के अनुमान से अगले साल चीनी उत्पादकों की वित्तीय सेहत में सुधार की संभावना है। चीनी उत्पादन का सीजन अक्टूबर में शुरू होता है और अगले सात सितंबर तक जारी रहता है। इक्रा की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सीजन में चीनी की अतिरिक्त उपलब्धता से जुड़े खतरे निर्यात व आगामी चीनी सीजन में कम उत्पादन के अनुमान से काफी कम हो गए। गन्ना उत्पादक इलाकों में कमजोर मॉनसून से अगले सीजन में चीनी उत्पादन में कमी का अनुमान है। ऐसे में चीनी की बिक्री से मिलने वाली रकम (एक्स-फैक्ट्री उत्तर प्रदेश) अक्टूबर 2010 से अप्रैल 2012 के बीच 28-30 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में रही थी, लेकिन चीनी वर्ष 2011-12 की चौथी तिमाही में यह करीब 35 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। चीनी उत्पादन में 6-8 फीसदी की गिरावट के अनुमान और चीनी वर्ष 2012-13 में घरेलू चीनी की खपत संतुलित रहने की संभावना को देखते हुए मौजूदा कीमतें अल्पावधि में टिके रहने की संभावना है। उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के बाकी इलाकों में स्थित मिलों के ऑपरेटिंग मुनाफे को उच्च मात्रा से सहारा मिला। लेकिन शुद्ध लाभ के स्तर पर यह काफी कम हो गया क्योंकि ब्याज की लागत में काफी ज्यादा इजाफा हुआ। हालांकि उपरोक्त कारणों से यूपी की मिलों के लिए चीनी वर्ष 2011-12 के पहले नौ महीने में लाभप्रदता के संकेतक और नकदी प्रवाह काफी ज्यादा प्रभावित हुई। हालांकि इसकी लाभप्रदता चौथी तिमाही में काफी हद तक सुधरने की संभावना है क्योंकि इस अवधि में चीनी की कीमतों में काफी ज्यादा सुधार दर्ज किया गया, पर उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों के मुनाफे पर दबाव रहने की संभावना है। इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सब्यसाची मजूमदार ने कहा, चीनी वर्ष 2012-13 में मिलों को चीनी व इसके उपोत्पाद से फायदा मिलने की संभावना है। साथ ही गन्ने की कीमतें इनके लिए काफी मायने रखेगी, खास तौर से राज्यों द्वारा तय की जाने वाली राज्य परामर्श कीमत। इक्रा के अध्ययन में हालांकि चेतावनी दी गई है कि एक ओर जहां चीनी की कीमतों में सुधार उद्योग के लिए सकारात्मक होगी, वहीं 2012-13 में गन्ने की कीमतें मिलों की लाभप्रदता तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा चीनी उद्योग के विनियंत्रण पर सरकार व अदालत की कार्यवाही और गन्ने व चीनी की कीमतों में उपयुक्त जुड़ाव चीनी उद्योग के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण बना रहेगा, खास तौर से राज्य परामर्श कीमत की व्यवस्था से संचालित होने वाले राज्यों में।चीनी वर्ष 2011-12 में कुल उत्पादन 260 लाख टन रहने की संभावना है। इक्रा का अनुमान है कि चीनी वर्ष 2012-13 में कुल उत्पादन 235-245 लाख टन के दायरे में रहेगा। इस अवधि में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में कमी आएगी। (BS Hindi)

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