नई दिल्ली October 20, 2008
दीपावली के मौके पर मेवे और मिठाइयां बतौर उपहार देना सामान्य चलन है पर आर्थिक मंदी ने इनका बाजार ढीला कर दिया है। दूसरी ओर गिफ्ट पैकेटों का बाजार तेजी से फैलता जा रहा है।
कारोबारियों के मुताबिक लोग मेवा-मिठाई भले ही कम खरीदें लेकिन वे चाहते हैं कि उसकी पैकेजिंग तरीके से हो। कीमतों के आसमान छूने और ग्राहकों के नदारद रहने से कारोबारियों की हालत खराब हो गई है।गिफ्ट पैकेटों का पसरता बाजारदीपावली हो या कोई और पर्व आजकल लोगों में गिफ्ट पैकेटों को लेकर गजब का क्रेज दिख रहा है। इसकी वजह शायद आधुनिक दिखने की चाह है। यही वजह है कि गिफ्ट पैकेटों का कारोबार तेजी से पसरता जा रहा है। खारी बावली के मेहर चंद एंड संस के अशोक कुमार ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि आजकल लोग भले ही मेवे या मिठाई कम खरीदें लेकिन अच्छी पैकेजिंग पर काफी ध्यान देते हैं। पैकेजिंग का खर्च 80 से 120 रुपये तक आता है जो कागज की गुणवत्ता, कलाकारी और नक्काशी के ऊपर निर्भर करता है। दरअसल लोग अपनी जेब का ख्याल रखते हुए आधुनिकता के साथ तालमेल बिठाने में लगे हैं। कारोबारियों के मुताबिक, गिफ्ट पैकेटों का बाजार 10 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है।सूखे मेवों का बाजारसभी किस्म के मेवों की कीमत इस बार बढ़ी हैं। मेहर चंद एंड संस के अशोक कुमार ने बताया कि लगभग सभी किस्म के मेवों की कीमतों में इजाफा हुआ है। बादाम गिरी (अमेरिकन) की कीमत अभी 340-350 रुपये प्रति किलोग्राम है जो पिछले साल 300-310 रुपये था।पिस्ता ईरानी की कीमत पिछले साल के मुकाबले 100 रुपये बढ़कर इस साल 550-560 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। पिस्ता अमेरिकन की कीमत में भी पिछले साल की तुलना में 25-30 फीसदी का इजाफा हुआ है और इस साल यह 450-460 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। चांदनी चौक के जग्गी स्टोर के मालिक जगजीत ने बताया कि गोवा काजू का भाव इस बार 400 रुपये प्रति किलोग्राम है जो पिछले साल से लगभग 50 रुपये ज्यादा है। खारी बावली के रोशन लाल एंड संस के मालिक रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि किशमिश 120-180 रुपये में मिल रही है जो पिछले साल 100-150 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इलायची की कीमत भी पिछले साल से करीब 20 फीसदी ज्यादा है।मिठाइयों की घटती मांगदीपावली के मौके पर मिठाइयों का चलन भले ही काफी पुराना हो लेकिन कारोबारियों का तो यही कहना है कि बदलती जीवन शैली से मिठाइयों की मांग कम हो रही है। इस समय पूरे साल की कुल बिक्री का 30 फीसदी बेच लेते हैं पर इस बार बाजार में उतनी चहल-पहल नहीं दिख रही है। एक तरफ तो इसकी कीमतें परवान चढ़ रही है, दूसरी ओर लोग 'शुगर फ्री' मिठाइयों पर जोर दे रहे हैं।बंगाली स्वीट शॉप के गिरीश अग्रवाल ने बताया कि 30 साल पहले लोगों के पास मिठाई के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। अब मोटापा और डायबिटीज आदि रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोग इससे तौबा करने लगे हैं। अग्रवाल ने कहा कि इस बार त्योहारी सीजन में मिठाइयों की बिक्री 40 फीसदी घटी है। अब मिठाइयों के विकल्प भी खूब हैं जैसे बेल्जियन चॉकलेट, स्वारोवस्की क्रिस्टल आदि। आजकल पिस्ता बादाम मिठाई रोस्टेड ऑल्मंड, पिस्ताचियो मेटल्स, क्रश्ड पिस्ताचियो, हनी आदि का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। (BS Hindi)
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