13 अक्टूबर 2008
मंदी से बावजूद सोने-हीरे की मांग में इजाफा?
मुंबई : वैश्विक स्तर पर जारी वित्तीय संकट के कारण अमेरिकी बाजार में भारतीय हीरों के निर्यात में तेज गिरावट आई है, लेकिन हालात को देखते हुए भारतीय कारोबारी घरेलू बाजार में अपने कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सोने और हीरे की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद इनकी मांग में इजाफा होगा। घरेलू बाजार के बड़े खिलाडि़यों में शुमार गीतांजलि ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में विदेशी मुल्कों में अपने कारोबार को बढ़ाने में काफी ध्यान दिया है। हालांकि, पिछले कुछ समय से अमेरिकी बाजार में आई मंदी के बाद समूह ने अपना ध्यान पूरी तरह से भारतीय बाजार पर केंदित कर दिया है। गीतांजलि ग्रुप के चेयरमैन मेहुल चोकसी ने बताया, 'केवल भारत ही नहीं, बल्कि सभी एशियाई देशों में कारोबार की संभावनाएं काफी बढ़ रही हैं। बेहतर कारोबार की दृष्टि से हम इन उभरते हुए बाजारों पर अपना ध्यान केंदित कर रहे हैं।' गीतांजलि ग्रुप के कुल राजस्व में अकेले भारतीय बाजार की हिस्सेदारी करीब 100 करोड़ रुपए है। जानकारों का कहना है कि अमेरिकी बाजार में वैश्विक ज्वैलरी की 55 फीसदी बिक्री होती है, पिछले एक साल के दौरान इसमें 10 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इस अवधि के दौरान चीन, भारत और पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से डॉलर कमाने वाले देशों में आभूषणों की बिक्री में तेजी से इजाफा हुआ है। अमेरिका में जारी वित्तीय संकट से भारत का ज्वैलरी निर्यात कारोबार प्रभावित होने की संभावना है। भारतीय जवाहरात और आभूषणों के करीब 40 फीसदी हिस्से की खपत अमेरिकी बाजारों में होती है। मुंबई के एक हीरे कारोबारी का कहना है कि रुपए में जारी गिरावट की वजह से निर्यातकों को थोड़ी-बहुत राहत मिली है। हाल ही में डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर अपने पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। कारोबारी ने बताया कि सोने की कीमतों में जारी तेजी से त्योहारी सीजन में भारतीय ग्राहकों की खरीददारी काफी हद तक प्रभावित हुई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि अगर एक निश्चित अवधि तक सोने की कीमतें स्थिर रहती हैं तो मांग में बढ़ोतरी होगी। रोजी ब्लू ग्रुप के ज्वैलरी ब्रांड औरा के सीईओ विजय जैन ने कहा है कि वैश्विक संकट के बीच घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करने से कारोबार को काफी फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'भारतीय बाजार के लिए औरा की कुछ विशिष्ट नीतियां है। हालांकि, ऐसे समय में सोने की कीमतों में जारी अस्थिरता चिंता का विषय है।' यह ब्रांड भारत में अपने कारोबार के विस्तार के लिए अगले दो सालों में 25 करोड़ रुपए खर्च करेगा। (ET Hindi)
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